चार-पांच दिन में नहीं हुई बरसात तो सूखे की आशंका, शुरुआत में अच्छी बारिश हाेने से 8 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में हुई बुवाई, अब झुलसने लगी फसलें
नागौर. जिले में इस बार जून व जुलाई में हुई बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई के बाद फसलों की बढ़वार भी अच्छी हुई। जिससे किसानों में अच्छे जमाने की उम्मीदें बढ़ी। अब पिछले करीब 25 दिन से जिले के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर बारिश नहीं हुई है। इसके चलते फसलें जलने लगी हैं। किसानों का कहना है कि अगले चार-पांच दिन में बारिश नहीं हुई तो अकाल का साया मंडराने लग जाएगा। हालांकि इतने अंतराल से बारिश होने से उत्पादन पर असर पड़ना निश्चित है, लेकिन बारिश होने से किसानों के खाद-बीज का खर्चा निकल जाएगा और पशुओं के लिए चारा हो जाएगा।
जिले में गत 19 जुलाई के बाद कहीं भी अच्छी बारिश नहीं हुई। हालांकि 31 जुलाई को नागौर शहर में 20 एमएम तथा 25 जुलाई को मेड़ता, रियांबड़ी, डेगाना क्षेत्र में कहीं-कहीं बारिश हुई, लेकिन मूण्डवा व खींवसर तहसील क्षेत्र में पिछले करीब 25 दिन से बारिश नहीं हुई है। नागौर तहसील में भी जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बारिश नहीं होने से फसलें मुरझा रही हैं। जिले में अगस्त माह में कहीं पर भी बारिश नहीं हुई है, जबकि जुलाई माह में इस बार 297 एमएम औसत बारिश हुई थी।
बुवाई अच्छी पर मानसून ने दिया दगा
गौरतलब है कि जिले में इस बार 8 लाख 31 हजार हैक्टैयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। इसमें सबसे अधिक 4.27 लाख हैक्टेयर में मूंग, 1.50 लाख हैक्टेयर में बाजरा, 1.23 लाख हैक्टेयर में ग्वार फसल की बुवाई की गई है। अब बरसात के इंतजार में फसलों पर संकट आ गया है। दो-चार दिनों में मेह नहीं बरसा तो नुकसान तय माना जा रहा है।
जिले में तहसीलवार अब तक बारिश
तहसील - जुलाई माह में बारिश - एक जून से अब तक
नागौर - 232 - 317
मूण्डवा - 226 - 317
खींवसर - 372 - 449
जायल - 223 - 259
डेह - 104 - 302
मेड़ता - 401 - 502
रियांबड़ी - 357 - 504
डेगाना - 443 - 539
सांजू - 318 - 345
कुल औसत - 297 - 393
बरसात एमएम में
फसलें जल रहीं
क्षेत्र में अगेती बारिश से अच्छे जमाने की आस लगाए बैठे थे, लेकिन जैसे ही फूल आने का समय आया, बारिश नहीं है। करीब तीन सप्ताह से बरसात नहीं होने से अकाल की आशंका बढ़ी है। सप्ताह भर में बारिश नहीं हुई तो फसलें पूरी तरह से चौपट हो जाएंगी।
- अर्जुनराम ग्वाला, किसान नोखा चांदावता
खरीफ की फसलें दोहरी मार का शिकार हो रही हैं। एक तरफ कीट फसलों को नष्ट कर रहे हैं और दूसरी तरफ बारिश की कमी खल रही है। कीटनाशक का स्प्रे करें तो पानी की कमी से फसल चौपट हो जाएगी, नहीं करेंगे तो कीट फसल को नष्ट कर देगा।
- रसीद गौरी, किसान रूण
किसान करवाएं फसलों का बीमा
यह सही है कि काफी समय से बारिश नहीं होने से फसलें मुरझा रही हैं, इसके लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि अब बारिश होने तक कीटनाशकों का छिड़काव नहीं करें। साथ ही यदि साधन हैं तो जीवन रक्षक सिंचाई करें। इसके साथ कृषि आयुक्तालय ने इस बार प्रधानमंत्री फसल बीमा की तिथि बढ़ाई है, जिसके तहत गैर ऋणी किसान 14 अगस्त तक तथा ऋणी किसान 30 अगस्त तक अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं, इसलिए जिन किसानों ने बीमा नहीं करवाया, वे समय रहते बीमा अवश्य कराएं, ताकि बारिश नहीं होने पर क्लेम मिल सके।
- हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर