कांग्रेस पार्टी को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। शकील अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में महागठबंधन को निराशा हाथ लगी है। एग्जिट पोल में एक बार फिर प्रदेश में NDA की सरकार बनने का अनुमान जताया जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शकील अहमद ने अपना अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी इस्तीफा भेज दिया है। अहमद यूपीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं।
बिहार एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए शकील अहमद ने कहा कि मैंने अभी तक एग्जिट पोल नहीं देखा है लेकिन जमीनी हकीकत के अनुसार हमारा प्रदर्शन इस बार अच्छा होना चाहिए। मैंने लिखा है कि मैं पार्टी की नीतियों का शुभचिंतक बना रहूंगा। मैंने सदस्यता से त्यागपत्र दिया है लेकिन पार्टी की नीति और सिद्धांतों से मेरा कोई विरोध नहीं है।
हालांकि शकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी अन्य दल में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने का फैसला पहले ही ले लिया था, लेकिन चुनाव के कारण यह फैसला पहले नहीं लिया। क्योंकि वह नहीं चाहते कि इससे कोई गलत संदेश जाए, जिससे पार्टी को नुकसान हो।
शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस में उनके परिवार की गहरी जड़ें हैं। 1937 में मेरे दादा अहमद गफूर कांग्रेस से विधायक बने थे। उनके निधन के बाद मेरे पिता 1952 से 1977 के बीच पांच बार कांग्रेस के विधायक बने। 1981 में उनके निधन के बाद, मैं 1985 से पाँच बार कांग्रेस से विधायक और सांसद चुना गया।
शकील अहमद ने कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार भी नहीं किया था। बताया जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य खराब था, इसलिए वे प्रचार नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, "मैं चुनाव प्रचार नहीं कर सका, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी और हमारा गठबंधन एक मज़बूत सरकार बनाएगा।"