एंटवर्प की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा उसकी गिरफ्तारी को वैध करार दिया है।
Mehul Choksi Extradition To India: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को बेल्जियम की एक अदालत ने मंजूरी दे दी है। एंटवर्प की अदालत ने चोकसी की गिरफ्तारी को वैध बताते हुए कहा कि प्रत्यर्पण की शर्तें पूरी होती हैं। यह फैसला भारत की लंबी कूटनीतिक लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है, हालांकि चोकसी अपील कर सकता है।
मेहुल चोकसी पर 2011 से 2018 के बीच पीएनबी में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक, चोकसी ने बैंक से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी कराकर करीब 13,000 करोड़ रुपये का गबन किया। घोटाले का खुलासा 2018 में हुआ, जिसके बाद चोकसी जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गया। उसने नवंबर 2017 में एंटीगुआ और बरबुडा की नागरिकता ली और दिसंबर 2018 में भारतीय नागरिकता त्यागने का दावा किया, लेकिन भारत इसे मान्यता नहीं देता। चोकसी पर आईपीसी की धारा 120बी (साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 409 (विश्वासघात), 201 (साक्ष्य नष्ट करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत मुकदमा चल रहा है।
चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प पुलिस ने भारत के अनुरोध पर गिरफ्तार किया। तब से वह बेल्जियम की जेल में बंद है। उसकी कई जमानत याचिकाएं फ्लाइट रिस्क के आधार पर खारिज हो चुकी हैं। अदालत ने कहा कि चोकसी के फरार होने का वास्तविक खतरा है। सुनवाई में भारत ने संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी संधि (यूएनसीएसी) और सीमा-पार संगठित अपराध विरोधी संधि (यूएनटीओसी) का हवाला दिया, जिन पर बेल्जियम भी हस्ताक्षरकर्ता है। सीबीआई ने तीन बार बेल्जियम का दौरा कर साक्ष्य पेश किए और यूरोपीय कानूनी फर्म की मदद ली। अदालत ने 'ड्यूल क्रिमिनलिटी' शर्त पूरी मानते हुए कहा कि अपराध बेल्जियम कानून के तहत भी दंडनीय हैं।
भारत ने प्रत्यर्पण के बाद चोकसी को मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखने का वादा किया, जो यूरोपीय मानवाधिकार मानकों पर खरा उतरता है। यहां स्वच्छ पानी, भोजन, अखबार, टीवी, चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी, न तो अकेले बंदी और न ही भीड़भाड़। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, उनकी गिरफ्तारी वैध थी। हालांकि, चोकसी उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है, जिससे प्रत्यर्पण में देरी हो सकती है। अधिकारियों ने इसे प्रत्यर्पण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण पहला कदम बताया।