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बिहार चुनाव: मतगणना आज, NDA पर भरोसा या महागठबंधन को मौका

Bihar Elections Counting: बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होगी। यह चुनाव परिणाम एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों के लिए निर्णायक होगा। साथ ही देश की राजनीति की भावी दिशा भी तय करेंगे। पढ़ें पूरी खबर...

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Nov 14, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव (Photo-Patrika)

Bihar Elections Counting: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आएंगे। मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी और दोपहर 12 बजे तक रुझानों से तस्वीर साफ हो जाएगी। चुनाव आयोग ने सभी 38 जिलों के मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा और पारदर्शिता के पुख्ता इंतजाम किए हैं। बिहार के परिणाम सिर्फ राज्य की सत्ता का फैसला नहीं करेंगे, बल्कि देश की राजनीति की भावी दिशा भी तय करेंगे।

दरअसल, केन्द्र की राजनीति में यह समय ‘गठबंधन’ का है। ऐसे में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के लिए यह निर्णायक होगा। ये नतीजे संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले आ रहे हैं। अगर एनडीए फिर से जीतता है, तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों के लिए बड़ी राजनीतिक राहत होगी। इससे केंद्र की योजनाओं और भाजपा के चुनावी नैरेटिव को बल मिलेगा।

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इसके साथ ही पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा दम और आत्मविश्वास के साथ तैयारी में जुटेगी। वहीं इंडिया ब्लॉक के बाजी मारने से विपक्षी एकजुटता को ताकत मिलेगी।

NDA:

  1. सरकार बनी तो केन्द्र में मजबूत होगी सरकार: केन्द्र में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में बिहार की अहम भूमिका है। यहां के जेडीयू, एलजेपी (रामविलास) और हम पार्टी के समर्थन के दम पर एनडीए सरकार चल रही है। ऐसे में एनडीए के जीतने पर स्वाभाविक तौर पर केन्द्र में मोदी सरकार-3 बेहद मजबूत हो सकती है।
  2. हारे तो गठबंधन पर असर: यदि बिहार के नतीजे एनडीए के मुताबिक नहीं आए तो केन्द्र में गठबंधन की सरकार संकट से घिर सकती है। विपक्षी शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरेगी। साथ ही भाजपा को अपने कोर एजेंडे से समझौता भी करना पड़ सकता है।

इंडिया

  1. जीते तो देश में विपक्षी गठबंधन को मिलेगी नई दिशा: बिहार में महागठबंधन के चुनाव जीतने पर देश की सियासत गरमा सकती है। इंडिया ब्लॉक के बैनर तले विपक्षी गठबंधन को नई दिशा मिल सकती है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी को बूस्टर डोज मिलेगी। साथ ही तमिलनाडु, पुडुचेरी के साथ बंगाल में एकजुटता से चुनाव लडऩे का दबाव भी सहयोग दलों पर बढ़ेगा।
  2. हारे तो एकता ‘समाप्त’ होने का खतरा: यदि महागठबंधन को करारी शिकस्त मिलती है तो विपक्षी एकता खतरे में पड़ सकती है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का टीएमसी से गठबंधन की संभावना शून्य हो सकती है। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस और सपा की राह अलग-अलग हो सकती है।

'टाइगर अभी जिंदा है…'

परिणामों से पहले ही पटना में नीतीश के पोस्टर लगने लगे हैं। जनता दल (यूनाइटेड) कार्यालय के बाहर एक पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फोटो के साथ लिखा है ‘टाइगर जिंदा है’।

2020 के चुनाव नतीजे- कुल सीटें-243

दलसीटें जीतीवोट प्रतिशत
भाजपा7419.46
जेडीयू4315.39
वीआईपी41.52
हम40.79
राजद7523.11
कांग्रेस199.48
सीपीआई (माले)123.16
सीपीआई20.83
सीपीएम20.65
एआईएमआईएम51.03
बसपा11.49
लोजपा15.66

'बिहार की जनता एनडीए सरकार को फिर से सत्ता में लाने का मन बना चुकी है। जब सत्ता विरोधी लहर होती है, तो मतदाता उत्साह में वोट डालने नहीं जाते हैं। चुनाव के दौरान राज्य में कोई ऐसी घटना नहीं हुई, जिससे पता चले कि यह सरकार समर्थक चुनाव था। मतदाताओं ने चुपचाप अपना वोट डाला है। एनडीए सरकार फिर से सत्ता में आ रही है।' - दिलीप जायसवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, बिहार

'बिहार की जनता को पूरा भरोसा है कि जनता की जीत होगी और महागठबंधन की सरकार बनेगी। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। सटीक पोल हमारे पक्ष में है, और यह शुक्रवार क दिखाई देगा जब बिहार की जनता अपनी जीत का जश्न मनाएगी।'- मृत्युंजय तिवारी, वरिष्ठ नेता राजद

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