Bihar Assembly Elections: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अभय कुमार सिंह को फूट-फूट कर रोते हुए और पार्टी नेताओं पर टिकट वितरण में पक्षपात और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए देखा जा सकता है।
Bihar Assembly Elections: बिहार में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और छोटे सहयोगी दलों सहित प्रमुख पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा जारी कर रहे है। वहीं, टिकट चाहने वालों के बीच असंतोष भी सामने आने लगा है। गुरुवार को एक ऐसा ही भावुक वीडियो वायरल हुआ, जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता अभय कुमार सिंह समस्तीपुर जिले के मोरवा निर्वाचन क्षेत्र से टिकट न मिलने पर कैमरे के सामने रो पड़े।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अभय कुमार सिंह को फूट-फूट कर रोते हुए और पार्टी नेताओं पर टिकट वितरण में पक्षपात और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में अभय सिंह रोते हुए कहते हैं, 'किसी ने मुझसे ज्यादा पैसे दिए, इसलिए उसे टिकट मिला। मैं अब राजनीति छोड़ रहा हूं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने बिहार में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। कई यूजर्स ने ने एनडीए गठबंधन में उम्मीदवारों के चयन में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। टिकट व्यवस्था पर निराशा व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि मैंने 25 साल संघर्ष किया और फिर 30 साल तक चुनाव लड़ा। अब यह मेरे बस की बात नहीं है। अब मैं इस संघर्ष से मुक्ति चाहता हूँ। मैं अपने सभी साथियों से भी कहना चाहता हूं कि इस दौरान मुझसे जो भी गलतियां हुई हों, उसके लिए सभी मुझे माफ करें। अब मैं आप सभी की सेवा करने के लायक नहीं हूं। मैं इस टिकट व्यवस्था से परेशान हूं। मैंने बार-बार सब पर भरोसा किया। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन मैं सभी दलों के सभी कार्यकर्ताओं से एक बात कहना चाहता हूं - जिस हालत में मैं हूं, बाकी सब भी उसी हालत में हैं या होंगे।
लोजपा (आर) नेता ने बिहार की राजनीति में कथित कमीशन संस्कृति पर भी तीखा हमला किया और स्थानीय नेताओं के बीच व्यापक भ्रष्टाचार का दावा किया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 15 दिन या एक महीने तक तो सब तुम्हें लॉलीपॉप, क्रीम, रसगुल्ला, चिकन और दारू ही देंगे। उसके बाद 20% कमीशन, 25% कमीशन और 30% कमीशन वसूला जाएगा। साहू जी सोच रहे थे कि अगर मैं फिर जीत गया तो अगली बार 35% कमीशन लेंगे। विद्यासागर भैया भी यही सोच रहे होंगे। मोरवा तो अपने हाल पर ही रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोरवा में नेताओं ने काले धन और कमीशन के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है।