एमके स्टालिन ने भाजपा को दागी राजनेताओं के लिए वॉशिंग मशीन कहा, साथ ही करूर भगदड़ त्रासदी पर समानांतर जांच करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए प्रतिनिधिमंडल की निंदा की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जमकर हमला बोला है। स्टालिन ने बीजेपी पर करुर भगदड़ का राजनीतिक लाभ उठाने आरोप लगाया है। ऐसी गंभीर घटनाओं पर चिंता जतानी चाहिए, लेकिन भगवा पार्टी की प्रतिक्रिया कुछ ही देखने को मिली। उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह दूसरों का खून सूचकर जिंदा रहने वाली पार्टी है। एमके स्टालिन ने बीजेपी को दागी राजनेताओं के लिए वॉशिंग बताया है। इसके साथ ही करुर भगदड़ त्रासदी पर समानांतर जांच करने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए प्रतिनिधिमंडल की निंदा की है।
रामनाथपुरम जिले में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन के मौके पर सीएम स्टालिन ने भगदड़ के बाद करूर पहुंचने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना की। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली आपदाओं के दौरान तमिलनाडु की अनदेखी की गई। स्टालिन ने कहा कि प्रदेश में तीन बड़ी आपदाएं आईं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए। उस समय केंद्रीय वित्त मंत्री ने न तो दौरा किया और न ही कोई आर्थिक मदद की घोषणा की। लेकिन करूर हादसे पर तुरंत पहुंच गई।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने बीजेपी के खिलाफ बोलते हुए कहा कि केंद्र ने मणिपुर दंगों, गुजरात की घटनाओं या कुंभ मेले में हुई मौतों के लिए जांच आयोग नहीं भेजा। लेकिन करुर में हुई इस घटना का राजनीति फायदा उठाने के उद्देश्य से तुरंत एक टीम को भेजा रहा है।
एमके स्टालिन ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि अगले साल होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में जुट गई है। यह पार्टी आपदा में भी अपना स्वार्थ साध रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सोचती हैं कि वह इससे (करूर भगदड़ में हुई मौतों से) कुछ राजनीतिक लाभ उठा सकती हैं या इसका इस्तेमाल किसी को धमकाने के लिए कर सकते है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी और का खून चूसकर जिंदा रहती है।
स्टालिन ने कहा कि जिन लोगों ने कुछ गलत किया है, वे अपने कृत्यों से बचने के लिए भाजपा की शरण लेते हैं। बीजेपी एक वॉशिंग मशीन की तरह है और एडप्पादी पलानीसामी इस वॉशिंग मशीन में यह मानकर कूद पड़े हैं कि वे एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में सामने आएंगे। लेकिन बीजेपी उनका इस्तेमाल रैलियों, सभाओं और सड़कों पर लोगों को इकट्ठा करने के लिए कर रही है। ईपीएस को बीजेपी का यही काम है और वे उनकी कठपुतली बने हुऐ है। तमिलनाडु के कल्याण की परवाह करने वाला कोई भी व्यक्ति बीजेपी के साथ नहीं जुड़ेगा।