एनसीआरबी की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 के मुकाबले 2023 में अपराधों में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध दर में भी हुई बढ़ोतरी।
देश में 2022 की तुलना में 2023 में 7.2 फीसदी से अधिक अपराध दर्ज किए गए। देश के तमाम राज्यों में 2023 में 62 लाख 41 हजार 569 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 58 लाख 24 हजार 946 था। इस दौरान सबसे अधिक 31 फीसदी की बढ़ोतरी साइबर अपराध में हुई। यह खुलासा एनसीआरबी की ओर से जारी एक रिपोर्ट में किया गया है। इसके अनुसार, देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी खासी बढ़ोतरी हुई है। अपहरण, सड़क हादसों और हिट एंड रन के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि, हत्या के मामलों में कमी आई है।
एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक देश में वर्ष 2023 में साइबर अपराध के 86,420 मामले सामने आए हैं जबकि 2022 में इसकी संख्या 65,893 थी। वहीं देश में हर घंटे बलात्कार और हत्या की तीन घटनाएं हो रही हैं। वर्ष 2023 में हत्या के 27,22 मामले सामने आए हैं। वर्ष 2022 में हत्या के 28,522 मामले सामने आए थे। इससे साफ है कि हत्या के मामलों में 2.8 फीसदी की कमी आई है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के मामलों में 28.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022 में ऐसे मामलों की संख्या 10,064 थी जो 2023 में 12,960 हो गई है।
अपराध की कुल दर वर्ष 2022 में 9.6 फीसदी थी जो 2023 में बढ़कर 12.4 फीसदी हो गई है। वहीं कुल आपराधिक मामलों में वर्ष 2023 में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में 793020 केस, महाराष्ट्र में 596103, तीसरे स्थान पर केरल में 584373 मामले दर्ज हुए। वहीं मध्यप्रदेश में 495708, राजस्थान में 317480 और छत्तीसगढ़ में 115493 मामले दर्ज हुए। देश के 19 मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में दहेज हत्या और बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए। दिल्ली दहेज हत्या के 114 जबकि बलात्कार के 1088 केस दर्ज हुए।
वहीं 2023 में देश में महिलाओं के खिलाफ 448211 मामले दर्ज किए गए। इसमें 2022 की तुलना में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 66381 मामले समाने आए, उसके बाद महाराष्ट्र में 47101 और फिर राजस्थान में 45450 मामले दर्ज हुए। इसी तरह पति द्वारा क्रूरता के 4219 मामले दर्ज हुए। ये आंकड़े जयपुर, मुंबई, इंदौर, कानपुर और गाजियाबाद में दर्ज मामलों से अधिक हैं।
देश में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.73 लाख से अधिक लोग मारे गए और 4,47,969 लोग जख्मी हुए। इनमें से 45.8 फीसदी मामले दोपहिया वाहन से जुड़े थे जबकि तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाना सड़क दुर्घटनाओं के दो बड़े कारण थे। करीब 4,64,029 सड़क दुर्घटनाओं में से 95,984, घटनाएं शाम छह से रात नौ बजे के बीच हुईं, जो कुल सड़क दुर्घटनाओं का 20.7 प्रतिशत है। दोपहिया वाहनों से 79,533 मौतें हुईं। इसी तरह 27,586 पैदल यात्रियों की मौत हो गई।