Delhi blast: पत्रिका की टीम दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड मुजम्मिल के गांव पहुंची। वह जिस मकान में किराया लेकर रहता था। उसकी पड़ताल में कई ऐसे सबूत मिले, जिससे साफ जाहिर होता है कि फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल देश में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में था। पढ़ें विकास सिंह की ये रिपोर्ट...
Delhi blast: लाल किले पर ब्लास्ट के मास्टरमाइंड डॉ. मुजम्मिल के ठिकाने फतेहपुर तगा और फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी जब पत्रिका की टीम पहुंची तो चौंकाने वाला सच सामने आया। मुजम्मिल का ठिकाना बाहर से एक खंडहर है, लेकिन इसके अंदर देश को दहलाने का पूरा सामान मौजूद था। यह खंडहरनुमा घर ऐसा 'वॉच टावर' था, जहां से मुजम्मिल गांव में होने वाली हर हरकत पर पूरी नजर रखता था। लाल किले से 52 किलोमीटर और अल फलाह यूनिवर्सिटी से महज 3 किलोमीटर दूर है यह गांव। ग्रामीणों या किसी बाहरी को शक न हो, इसीलिए मुजम्मिल ने यह खंडहरनुमा घर चुना।
घर में कुल 3 कमरे, एक किचन और एक बरामदा है। पत्रिका टीम ने जब घर का कोना-कोना खंगाला तो साफ हो गया कि यहां लोगों की आवाजाही थी। पहले ही कमरे में एक 'एक्टिव किचन' मिला, जिसमें सभी सामान व्यवस्थित तरीके से रखा गया था। किचन में ताला लगा मिला। लेकिन, रोशनदान से अंदर का दृश्य कैमरे में कैद किया। दूसरे कमरे में केयरटेकर के लिए एक बेड और ठंड से बचने के लिए हीटर रखा मिला। जबकि तीसरे कमरे में एक नीला ड्रम और चौथे कमरे में भूसे के ढेर मिला, जिसके नीचे उसने 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट छिपाकर रखा था।
यह सब पैटर्न साफ इशारा करता है कि यहां न सिर्फ विस्फोटक स्टोर किया जा रहा था, बल्कि आतंकी लंबे समय तक रुकने की योजना बना चुके थे।
छत पर जाकर देखा तो वहां घर के कुछ कबाड़ के साथ एक जगह बोल्डर वाले छोटे पत्थर रखे हुए थे। आसपास क्रिकेट खेल रहे युवकों ने बताया, मुजम्मिल कहता था, पुलिस आएगी तो उससे निपटने का सामान है।
करीब 7 हजार वोटर वाले फतेहपुर तगा गांव में इस घटना के बाद सन्नाटा पसरा है। गांव में मौजूद लोग मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हैं। मीडिया को देखते ही या तो वे घर में चले जाते हैं या बात करने से साफ मना कर देते हैं। विपिन नाम के व्यक्ति ने बताया, हमें नहीं पता था कि गांव में कोई इस तरह का व्यक्ति किराया लेकर रह रहा है। इससे हमारे गांव की बदनामी हुई है।
डॉ. मुजम्मिल के घर के बाद हम अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंचे, लेकिन वहां मीडिया की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी गई है। नाम नहीं छापने की शर्त पर यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने बताया कि पिछले 2 दिन में जांच टीम यहां से करीब 10 लड़कों को अपने साथ ले गई है। इनमें 5 स्टूडेंट, 2 पीजी स्टूडेंट और 3 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मॉड्यूल का एक और अहम किरदार डॉ. उमर 3 बार नीट एसएस का एग्जाम काफी अच्छे रैंक से क्लियर कर चुका था। विषय एक्सपर्ट्स ने बताया कि अंडर 100 रैंक में उसको एम्स दिल्ली जैसा नामचीन संस्थान आसानी से मिल जाता। लेकिन, फिर भी उसने रहने और पढ़ाने के लिए अल फलाह यूनिवर्सिटी को ही चुना। कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स ने बताया कि उमर के शातिर दिमाग को देखते हुए यह भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि घटना वाली कार में वही था।