तुफैल अहमद की गिरफ्तारी तब हुई जब एसआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिल्ली धमाके के मामले में कुलगाम में डॉ. मुजफ्फर अहमद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले में एनआईए को एक और बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने जम्मू कश्मीर से एक इलेक्ट्रीशियन को हिरासत में लिया है। उसकी पहचान तुफैल अहमद के रूप में हुई है। वह श्रीनगर का रहने वाला है। इलेक्ट्रीशियन पर आतंकी मॉड्यूल का सदस्य होने का शक भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जांच के दौरान धमाके की साजिश में उसके शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं।
हालांकि एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि तुफैल अहमद ने दिल्ली आतंकी साजिश में किस प्रकार योगदान दिया तथा पूरी साजिश में उसकी क्या भूमिका थी। इससे पहले जांच एजेंसी ने गुरुवार को तीन डॉक्टरों और एक धार्मिक उपदेशक को भी हिरासत में लिया था।
बता दें कि तुफैल अहमद की गिरफ्तारी तब हुई जब एसआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिल्ली धमाके के मामले में कुलगाम में डॉ. मुजफ्फर अहमद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। डॉ. मुजफ्फर काजीगुंड का रहने वाला है। वह अगस्त में भारत से भाग गया था और अब वह अफगानिस्तान में शरण ले रहा है।
वहीं जांचकर्ताओं का कहना है कि वह जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं और कई राज्यों में सक्रिय सफेदपोश आतंकी नेटवर्क के बीच एक अहम कड़ी का काम करता था। जम्मू-कश्मीर पुलिस उसके प्रत्यर्पण और जांच को आगे बढ़ाने के लिए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस का अनुरोध पहले ही कर चुकी है।
दिल्ली धमाके की जांच कर रहे अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या जैश-ए-मोहम्मद के किसी मॉड्यूल ने कश्मीर के अस्पतालों को गुप्त हथियार भंडारण स्थल के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया था। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह समूह चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा का फायदा उठाकर अनंतनाग, श्रीनगर, बारामूला, बडगाम और नौगाम के अस्पतालों को "हथियार" छुपाने के संभावित ठिकानों के रूप में तलाश रहा था।
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