Exclusive Interview: बच्चों को मोबाइल के खतरों से बचाने के लिए गुजरात में सरकार स्कूलों के लिए सोशल मीडिया गाइडलाइन लाने की तैयारी कर ली गई है। पत्रिका के दिव्येश सोंदरवा के साथ शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया से खास बातचीत।
Exclusive Interview: पिछले दिनों पांडेसरा क्षेत्र में एक किशोरी और एक बच्ची के आत्महत्या का मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बना। किशोरी और बच्ची पूरा दिन मोबाइल में व्यस्त रहती थी। अभिभावकों के टोकने पर दोनों ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से विद्यार्थियों को बचाने के लिए गुजरात सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी करने की कवायद शुरू की है। गाइडलाइन को लेकर पत्रिका ने शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया से बात की।
शिक्षा मंत्री : सूरत में मोबाइल फोन को लेकर बच्चियों की आत्महत्या का मामला सामने आया। यह काफी गंभीर मामला है, इसलिए स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी करने का तय किया गया है।
शिक्षा मंत्री : मोबाइल और सोशल मीडिया के कारण बच्चे और परिवारों की एक दूसरे के प्रति आत्मीयता कम होती जा रही है। नए गाइडलाइन से आपस में संबंध विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही। एक दूसरे को समय देंगे तो एक दूसरे को समझेंगे और संबंध और भी मजबूत बनेंगे। जिससे ऐसी घटना न हो और उन्हें रोका जा सके।
शिक्षा मंत्री : स्मार्ट फोन की जगह इनकमिंग और आउटगोइंग वाला सादा फोन भी सुरक्षा कवच का काम कर सकता है। मोबाइल पर प्रतिबंध नहीं लगा रहे है, बस बच्चों के साथ अभिभावकों को भी स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें स्कूल के साथ अभिभावकों और बच्चों का भी सहयोग लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री : सभी विद्यार्थियों और बच्चों को इसके प्रभावों से बचाने के लिए इस पर काम किया जा रहा है। अभिभावक समझ लें कि इसे कानून बनाकर दबाव पूर्वक लागू करने की मंशा नहीं है। इस समस्या से बच्चों को सामूहिक प्रयास से बचाने का जनभागीदारी अभियान होगा।
शिक्षा मंत्री : चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी, टीचर यूनिवर्सिटी, धार्मिक संस्थाएं, एनजीओ, संतों और विशेषज्ञ इस पर कार्य कर रहे हैं। एक माह में गाइडलाइन तैयार करने का प्रयास जारी है। फिर गाइडलाइन पर सभी की राय लेकर इसे लागू किया जाएगा।