Siddaramaiah Remark on Kharge Statement: सिद्धारमैया ने बार-बार नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पूछे जाने वाले सवालों पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, "मैं नेतृत्व परिवर्तन जैसी चीजों के बारे में नहीं जानता। साथ ही उन्होंने कांग्रेस हाईकमान पर भी तंज कसा।
Karnataka Power Politics: कर्नाटक में सीएम पद के लिए चल रहा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद सिद्धारमैया ने भी पलटवार किया है। सिद्धारमैया ने कहा कि मैं नेतृत्व परिवर्तन के बारे में नहीं जानता हूं। साथ ही उन्होंने ऐतराज जताते हुए कहा कि इस मसले पर इतने सवाल की जरूरत ही क्या है? बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है।
साथ ही सिद्धारमैया ने दावा किया कि ऐसा कोई भी फैसला नहीं हुआ है जिसमें यह तय किया गया हो कि मेरा कार्यकाल कम किया जाएगा। उन्होंने CM पद के फैसले पर भी कहा कि राहुल गांधी ही इस बात का फैसला लेंगे। वहीं इस मुद्दे पर फैसला लेने का अधिकार रखते हैं।
कर्नाटक CM सिद्धारमैया ने पहले भी कहा था कि मैं ही CM बना रहूंगा। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि अभी तक इस बात पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि मुझे अब CM पद छोड़ देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार में मकर संक्रांति के बाद होने वाले बदलाव के दावों को भी खारिज कर दिया है और कहा कि अब सब खत्म हो गया है।
सिद्धारमैया ने अपनी बात कहते हुए मल्लिकार्जुन खरगे पर भी तंज कसा। उन्होंने मल्लिकार्जुन के एक बयान के बाद कहा कि यह तो सत्य है कि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता है। सभी पार्टी के अधीन हैं और पार्टी हाईकमान के फैसलों पर ही चलते हैं।
सिद्धारमैया ने कर्नाटक में राजनीतिक संघर्ष पर कहा कि नेतृत्व से जुड़ा कोई भी फैसला राहुल गांधी ही लेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ही फैसला लेने का अधिकार रखते हैं। वह जो भी फैसला लेंगे उसे हम स्वीकार करेंगे।
डी.के. शिवकुमार की करीबी विधायक के.एन. राजन्ना से मुलाकात पर भी सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें जिससे मिलना है, मिलने दीजिए। इसमें परेशानी क्या है? आखिर वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
साथ ही सिद्धारमैया ने डी.के.शिवकुमार के द्वारा दिए बयान पर भी बात की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मैंने ही राजन्ना को जिला सहकारी बैंक का चेयरमैन बनाया था। सिद्धारमैया ने कहा कि क्रेडिट लेना महत्वपूर्ण नहीं है। जरूरी यह है कि नियुक्तियां सरकार की ओर से की जाती हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक सत्ता संघर्ष पर कहा था कि आलाकमान ने कोई भ्रम उत्पन्न नहीं किया है। यह केवल स्थानीय स्तर पर मौजूद है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को आंतरिक विवादों का दोष आलाकमान पर डालने के बजाय उसकी जिम्मेदारी स्वयं लेनी चाहिए।
कांग्रेस प्रमुख खरगे ने यह भी कहा कि पार्टी की चुनावी सफलता का श्रेय लेने से बचाना चाहिए। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘पार्टी को सभी ने मिलकर बनाया है। यह किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं है। कांग्रेस को पार्टी कार्यकर्ताओं ने बनाया है।