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पहलगाम हमला मामले में NIA को बड़ी कामयाबी, आतंकियों का मददगार टीचर गिरफ्तार, जानें कब मिला था क्लू

Pahalgam Terror Attack Teacher Arrested: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक सरकारी शिक्षक की गिरफ्तारी हुई है।

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Sep 24, 2025
पहलगाम अटैक कनेक्शन मामले में एनआईए की कार्रवाई।(फोटो: एएनआई)

Pahalgam Terror Attack Teacher Arrested: जम्मू-कश्मीर पुलिस को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) की जांच में एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने हमले में आतंकियों की मदद करने के आरोप में मोहम्मद यूसुफ कटारिया (Mohammed Yusuf Kataria ) नामक एक शिक्षक को गिरफ्तार (Teacher arrested in terror case) किया है। आरोपी पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को रसद सहायता देने का आरोप है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान 26 वर्षीय मोहम्मद यूसुफ कटारिया के रूप में हुई है, जो दक्षिण कश्मीर में एक स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत था। कटारिया को श्रीनगर पुलिस ने अरेस्ट किया और कोर्ट में पेश कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस को इस गिरफ्तारी में अहम सुराग मिला जो हमले की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित हुआ।

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ऑपरेशन महादेव ने खोला राज

इस गिरफ्तारी का मुख्य सुराग "ऑपरेशन महादेव" से मिला, जिसमें सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। उन आतंकियों के पास से मिले हथियार, उपकरण और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच से पुलिस कटारिया तक पहुंची। इसी ऑपरेशन के बाद कटारिया की भूमिका उजागर हुई और उसे गिरफ्तार किया गया।

22 अप्रेल का खूनी हमला

22 अप्रेल को कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में लश्कर आतंकियों ने 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इनमें से 25 लोग भारत के विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक थे। यह हमला बेहद सुनियोजित और क्रूर था, जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया था।

ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने लिया बदला

हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में 9 ठिकाने तबाह हुए और 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। लेकिन हमले की असली जड़ तक पहुंचना बाकी था, जो ऑपरेशन महादेव के ज़रिए पूरी हुई।

मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी आतंकियों का खुलासा

इस हमले के मास्टरमाइंड की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई, जो पाकिस्तान के रावलकोट का निवासी था। साथ ही अबू हमजा उर्फ हैरिस (सियालकोट निवासी) और मोहम्मद यासिर भी इस हमले में शामिल थे। इन तीनों को जुलाई के आखिरी हफ्ते में ऑपरेशन महादेव में मारा गया।

अब सहयोगियों की तलाश में जुटी एजेंसियां

कटारिया की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां उन स्थानीय नेटवर्क्स को खंगाल रही हैं, जो आतंकियों को सूचना, पनाह और रसद मुहैया करा रहे थे। पूछताछ से और कई नए नाम सामने आने की उम्मीद है।

स्थानीय नेटवर्क भी उजागर

बहरहाल कटारिया की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि आतंकी घटनाओं में अब स्थानीय स्तर पर भी गहरी जड़ें फैल रही हैं। ऑपरेशन महादेव ने न केवल पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड्स को खत्म किया, बल्कि उनके स्थानीय नेटवर्क को भी उजागर किया।

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