राष्ट्रीय

Parliament Session: हंगामे की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र का पहला दिन, सदन हुआ स्थगित

Winter Session Parliament 2025: सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था। इस दिन विपक्ष ने एसआईआर के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया।

2 min read
Dec 01, 2025
शीतकालीन सत्र के पहले दिन हुआ हंगामा (Photo-IANS)

Parliament Winter Session 2025: सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। सत्र का पहला दिन ही काफी हंगामेदार रहा। विपक्ष एसआईआर, दिल्ली विस्फोट सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर रहा था। हंगामे के बीच सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया। वहीं पीएम मोदी के ड्रामे वाले बयान को लेकर भी दिनभर राजनीतिक बहस तेज रही। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 01 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी।

ये भी पढ़ें

वोट चोरी के आरोपों पर इंडिया गठबंधन में फूट! संसद में इस दल के सांसद ने कहा- साफ सुथरे चुनाव…

पहले दिन हुआ हंगामा

इस शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई और इस कारण कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं हो पाई। विपक्ष ने मांग रखी कि इस सत्र में चर्चा एसआईआर, समानता, दिल्ली विस्फोट, देश में फैल रहे प्रदूषण और विदेश नीति पर होनी चाहिए, जबकि सत्तापक्ष ने 13 नए विधेयक सूचीबद्ध कर रखे हैं। 

इस शीतकालीन सत्र में ये विधेयक भी होंगे पेश

बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025

विधेयक में बीमा क्षेत्र में पहुंच बढ़ाने, विकास में तेजी लाने और कारोबार को आसान बनाने का प्रस्ताव है। यह वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट में इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) की सीमा को मौजूदा 74% से हटाने के प्रस्ताव के बाद आया है। इस विधेयक में FDE की मौजूदा शर्तों की समीक्षा और सरलीकरण किए जाने की संभावना है।

परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025

इस विधेयक का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के उपयोग को रेगुलेट करना है। प्रस्तावित सुधारों से गैर-सरकारी संस्थाओं को भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के साथ मिलकर परमाणु ऊर्जा उत्पादन संयंत्र संचालित करने की अनुमति मिल जाएगी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत का लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन हासिल करना है।

कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025

इस विधेयक का उद्देश्य कंपनी अधिनियम, 2013 और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 2008 में संशोधन करना है ताकि व्यापार करने में आसानी हो और कंपनी कानून समिति (2022) की रिपोर्ट के अनुसार कुछ अंतरालों को दूर किया जा सके।

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025

यह विधेयक 17 अधिनियमों में संशोधन करता है, कई छोटे अपराधों के लिए कारावास के प्रावधानों को हटाता है और कई उल्लंघनों के लिए दंड को तर्कसंगत बनाता है। यह विधेयक 18 अगस्त 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था और फिर इसे समीक्षा के लिए चयन समिति को भेज दिया गया था।

ये भी पढ़ें

प्रधानमंत्री मोदी ही हैं सबसे बड़े ड्रामेबाज, पीएम के बयान पर कांग्रेस ने किया पलटवार

Also Read
View All

अगली खबर