Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका। उन्होंने पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली और कहा कि अब वह अपनी पार्टी की हार के लिए पश्चाताप करेंगे और एक दिन का मौन व्रत रखेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पीके ने एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू दिया है, जिसमें बताया है कि इस चुनाव में उनसे एक गलती हुई है। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और कहा कि इसका उन्हें पछतावा भी है। पीके ने कहा, “आप इसे एक गलती मान सकते हैं।”
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मुझे पता होता कि मैं हार जाऊंगा, तो मैं अपने संसाधन, पैसा और विश्वसनीयता दांव पर क्यों लगाता? मैं इन सभी संसाधनों का इस्तेमाल आसानी से सांसद या विधायक बनने के लिए कर लेता। मुझे कभी नहीं पता था कि पार्टी को 4% वोट मिलेंगे। मैंने कभी अपना सर्वेक्षण नहीं किया; मैंने आँख मूँदकर चुनाव लड़ा।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका। उन्होंने पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली और कहा कि अब वह अपनी पार्टी की हार के लिए पश्चाताप करेंगे और एक दिन का मौन व्रत रखेंगे।
पीके ने कहा, "मैं 20 नवंबर को गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूंगा। हमने गलतियां की होंगी, लेकिन हमने कोई अपराध नहीं किया है।" उन्होंने कहा कि पार्टी ने जाति-आधारित, धर्म-आधारित नफरत फैलाए बिना अपना चुनाव प्रचार किया।
वहीं विधानसभा चुनाव परिणाम के दिन बीजेपी-जेडीयू 200 पार जा रहे थे, तो ये मेरे लिए बड़ा झटका था। जब रिजल्ट आए तो मैं सो नहीं पाया हूं। उन्होंने कहा कि जिस चीज के लिए आप ईमानदारी से मेहनत करते हैं और परिणाम आशा के विपरीत आए तो आपको निराशा होती है।
बता दें कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा जमाया है। वहीं महागठबंधन को महज 35 सीटें मिली हैं। 6 सीटें अन्य के खाते में गई हैं, जिसमें AIMIM भी शामिल है। प्रदेश में 89 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। वहीं दूसरे नंबर पर जेडीयू रही है। जेडीयू ने 85 सीटें जीती हैं।