दुनिया के युवाओं में पहली बार कुपोषण से ज्यादा मोटापा की समस्या सामने आई यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जता चुके चिन्ता संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब दुनिया भर के बच्चों और किशोरों में कम वजन (कुपोषण) से ज्यादा मोटापे की समस्या चुनौती […]
दुनिया के युवाओं में पहली बार कुपोषण से ज्यादा मोटापा की समस्या सामने आई
यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जता चुके चिन्ता
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब दुनिया भर के बच्चों और किशोरों में कम वजन (कुपोषण) से ज्यादा मोटापे की समस्या चुनौती के रूप में उभर रही है।
यूनिसेफ (UNICEF) ने साल 2020 से 2022 तक के आंकड़ों को पेश करते हुए वर्तमान हालात एवं आगामी 2035 तक मोटापा (Obesity) की संभावित चुनौती को लेकर चिन्ता जताई है। यूनिसेफ के अनुसार ऐसा पहली बार है जब मोटापा कम वजन की समस्या से आगे निकल गया है। मोटापे के कारण टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यूनिसेफ ने देशों की सरकारों को मोटापा पर रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है।
पीएम मोदी जता चुके चिन्ता
भारत में अभी कुपोषण बड़ी चुनौती है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में बच्चों और किशोरों में मोटापा (Obesity) तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दशक में भारत में भी मोटापा की समस्या चुनौती बन सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पिछले दिनों मोटापे को आने वाले समय का बड़ा संकट बताते हुए चिन्ता जाहिर कर चुके हैं।
(UNICEF)रिपोर्ट के बिन्दु : एक नजर
इसलिए बढ़ रहा मोटापा (Obesity) -
यूनिसेफ (UNICEF) की अपील-