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नासिक से लेकर आंध्र प्रदेश तक…देश में भगदड़ की वो घटनाएं जिनमें लोगों ने गवाई अपनी जान

भारत में 2003 से 2025 के बीच मंदिरों, धार्मिक आयोजनों और मेलों में हुई भगदड़ की घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान गई। ये हादसे भीड़-नियंत्रण की कमी, अफवाहों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुए हैं।

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Nov 01, 2025
भगदड़ हादसे (AI Image/ Patrika Graphics)

भारत एक ऐसा देश है जहां सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में लाखों-करोड़ों शामिल होते हैं। कुंभ मेले, मंदिर दर्शन, सत्संग, त्योहार और रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने की होड़ जैसी घटनाएं न केवल आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि प्रबंधन की कमी के कारण अक्सर जानलेवा साबित होती रही है। साल-दर-साल मची भगदड़ में सैकड़ों निर्दोष जिंदगियां चली जाती हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। ये हादसे मुख्य रूप से सुरक्षा व्यवस्थाओं की चूक, अपवाहें, संकरी जगहों पर अत्यधिक भीड़ और प्रशासन की लापरवाही के कारण होती हैं।

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नीचे दी गई लिस्ट

नीचे दी गई लिस्ट 2003 से 2025 तक की प्रमुख भगदड़ घटनाओं को दर्शाती है, जिसमें मौतों की संख्या, स्थान और मुख्य कारणों का उल्लेख है। ये आंकड़े अलग-अलग मीडिया सोर्स (जैसे टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, रॉयटर्स आदि) पर आधारित हैं, जो भारत की भीड़ सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को हाईलाइट करती हैं।

2025 की प्रमुख घटनाएं

3 मई 2025 (गोवा) - गोवा के श्री लैरे देवी मंदिर के वार्षिक मेले में पूजा-अर्चना के दौरान भगदड़ मची। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हुई और लगभग 55 लोग घायल हुए। भीड़-नियंत्रण की कोई खास व्यवस्था न होने के कारण ये हादसा हुआ।

15 फरवरी 2025 (नई दिल्ली) - नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज कुंभ में शामिल होने के लिए ट्रेन पकड़ने की होड़ के चलते भगदड़ मची थी। एबीसी न्यूज के मुताबिक इस हादसे में कम से कम 18 यात्रियों की जान गई और कई अन्य घायल हुए।

29 जनवरी 2025 (प्रयागराज) - महाकुंभ के संगम क्षेत्र में ‘अमृत स्नान’ के दिन भारी भीड़ होने के कारण भगदड़ मची। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इस घटना में लगभग 30 तीर्थयात्रियों की मौत हुई और 60 लोग घायल हुए।

8 जनवरी 2025 (तिरुपति, आंध्र प्रदेश) - तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए लगे कतार में भगदड़ हुई थी। इंडिया टुडे के मुताबिक इस हादसे में छह श्रद्धालुओं की मौत हुई।

2024-2023 की घटनाएं

2 जुलाई 2024 (हाथरस, उत्तर प्रदेश) - संत भोले बाबा (नारायण साकार हरि) की सत्संग के बाद भगदड़ मची। अधिकारियों के अनुसार इस घटना में कुल 121 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। यह हादसा सुरक्षा प्रबंधों की कमी के चलते हुआ।

31 मार्च 2023 (इंदौर, मध्य प्रदेश) - रामनवमी पर बावड़ी (ढाई तालाब की बावड़ी) की छत गिरने के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में 36 तीर्थयात्रियों की मौत हुई और 16 अन्य घायल हुए। भीड़-नियंत्रण में चूक यहां भी जानलेवा साबित हुई।

2010–2022 की घटनाएं

1 जनवरी 2022 (कटरा, जम्मू एवं कश्मीर) - वैष्णो देवी मंदिर में भीड़-नियंत्रण की गड़बड़ी के कारण भगदड़ मची। इंडिया टुडे के मुताबिक इस घटना में कम से कम 12 तीर्थयात्रियों की मौत हुई और 15 घायल हुए।

14 जुलाई 2015 (राजामुंद्री, आंध्र प्रदेश) - गोदावरी नदी के तट पर पुष्करम स्नान के दौरान भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इस घटना में 27 श्रद्धालुओं की मौत हुई और 10 घायल हुए।

3 अक्टूबर 2014 (पटना, बिहार) - गांधी मैदान पर दशहरा उत्सव के बाद भगदड़ मची। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इसमें 32 लोगों की जान गई और करीब 50 घायल हुए।

13 अक्टूबर 2013 (दतिया, मध्य प्रदेश) - रतनगढ़ धाम मंदिर के पास बने पुल पर अफवाह फैलने से भगदड़ मची। जिसमें 115 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई।

19 नवंबर 2012 (पटना, बिहार) - छठ पूजा के दौरान पटना के अदालतगंज घाट पर अस्थायी पुल टूटने के कारण भगदड़ मची। इंडिया टुडे के मुताबिक इस हादसे में 18 तीर्थयात्रियों की मौत हुई।

8 नवंबर 2011 (हरिद्वार, उत्तराखंड) - हर-की-पौड़ी घाट पर आयोजित गायत्री महायज्ञ में के दौरान भगदड़ मची। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इसमें 20 श्रद्धालुओं की मौत और 50 अन्य घायल हुए।

4 मार्च 2010 (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश) - रामजानकी मंदिर में कपड़े बांटने के दौरान भीड़-नियंत्रण के अभाव के कारण भगदड़ मची। इस घटना में 63 लोग मारे गए थे।

2000 दशक भगदड़ की कुछ बड़ी घटनाएं

30 सितंबर 2008 (जोधपुर, राजस्थान) - चामुंडा देवी मंदिर में अफवाह फैलने के बाद भगदड़ मच गई थी। इंडिया टुडे के मुताबिक इस हादसे में 220 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई।

3 अगस्त 2008 (नैना देवी, हिमाचल प्रदेश) - कांवड़ यात्रा के दौरान नैना देवी मंदिर में झूठी भूस्खलन की अफवाह से भगदड़ की स्तिथी बन गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इसमें 162 श्रद्धालुओं की मौत हुई।

25 जनवरी 2005 (मंधर देवी, महाराष्ट्र) - मंदिर की सीढ़ियों पर लगे कैंप में आग लगने के बाद भगदड़ मची। इस घटना में 300 से अधिक तीर्थयात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई।

27 अगस्त 2003 (नासिक, महाराष्ट्र) - कुंभ स्नान (आषाढ़ पूर्णिमा) के दौरान सभा में भगदड़ मच गई। इस घटना मेें 39 लोग मारे गए और 150 घायल हुए।

इनपुट - Mohsina Bano

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Updated on:
03 Nov 2025 09:49 am
Published on:
01 Nov 2025 05:39 pm
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