ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह प्रेम की निशानी भी है, लेकिन बीजेपी सांसद ने इसे आगरा के लिए श्राप बताया है, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह...
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) ने आगरा में लागू TTZ की पाबंदियों का मुद्दा उठाया। चाहर ने कहा कि सरकार आगरा में IT हब बनाए। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि ताज की खूबसूरती भी बनी रहेगी।
राजकुमार चाहर ने कहा कि आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल है। उसकी खूबसूरती पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित करती है, लेकिन यही खूबसूरती आगरा की जनता के लिए एक श्राप की तरह बन गई है। ताज ट्रेपेजियम जोन और NGT के कड़े नियमों के कारण आगरा में फैक्ट्रियां व उद्योग लगना लगभग असंभव सा हो गया है। इसके चलते स्थानीय युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
भाजपा सांसद ने आगरा की भौगोलिक और सड़क कनेक्टिविटी को रेखांकित करते हुए कहा कि दिल्ली आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे, आगरा ग्वालियर नया एक्सप्रेस वे और आगरा-जयपुर मार्ग के कारण आगरा का देश के प्रमुख महानगरों से सीधा जुड़ाव है। जब उद्योगों पर प्रतिबंध है तब शहर के विकास के लिए सबसे उपयुक्ता और बड़ा विकल्प यह है कि आगरा में भारत का प्रमुख IT हब स्थापित किया जाए। इससे जहां हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं शहर का समग्र विकास भी होगा और ताजमहल की ऐतिहासिक सुंदरता भी सुरक्षित रहेगी।
TTZ में उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिले तथा राजस्थान का भरतपुर जिला शामिल हैं और यह आगरा में प्रतिष्ठित ताजमहल के आसपास 10,400 किलोमीटर में फैला क्षेत्र है। दिसंबर 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने TTZ के तहत आने वाली इंडस्ट्रीज के बारे में एक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने TTZ में मौजूद उद्योगों में कोयले/कोक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।