कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- हम बार-बार बोल रहे हैं कि देश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाई गई है, यह उसी का नतीजा है। वे दलितों और मुसलमानों को गाली समझते हैं।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर वकील द्वारा जूता फेंकने की कोशिश की गई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर उसे कोर्ट से बाहर ले गए और पुलिस को सौंप दिया। आरोपी का नाम राकेश किशोर है। जूता फेंकने की कोशिश से पहले वकील ने चिल्लाते हुए कहा- 'सनातन का अपमान नहीं चलेगा।' इस घटना पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- आज का दिन इतिहास में काले दिन के रूप में लिखा जाएगा। मुख्य न्यायाधीश संविधान के रक्षक हैं। उन पर जूता फेंकना कोई छोटी घटना नहीं है। वे इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि एक दलित भारत का मुख्य न्यायाधीश बना है। यह बाबासाहेब अंबेडकर का सपना था।
उन्होंने आगे कहा- हम बार-बार बोल रहे हैं कि देश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाई गई है, यह उसी का नतीजा है। वे दलितों और मुसलमानों को गाली समझते हैं। हम दुनिया में अलग-थलग पड़ गए हैं। आप विश्वगुरु बनना चाहते थे, लेकिन भारत ने अपने दोस्त खो दिए हैं।
वहीं इस घटना पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- आज सुप्रीम कोर्ट के अंदर हुई घटना भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक चौंकाने वाली है। भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हमला करने का प्रयास न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह न्याय और कानून के शासन की बुनियाद पर भी खुला हमला है। यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है। यह संस्थाओं को कमज़ोर करने, ईमानदार आवाज़ों को डराने और न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करने के एक निरंतर अभियान का परिणाम है।
वहीं मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने उन पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा- इन सब बातों से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता।