Shubhangshu Shukla ISS Mission: हर भारतीय की उमंगें आसमान छू रही हैं। भारत का बेटा शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में अपने देश का ध्वज फहरा रहा है।
Shubhangshu Shukla ISS Mission: भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhangshu Shukla ISS Mission) और उनके दल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में अपनी सफल डॉकिंग के बाद अपार खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि अगले 14 दिनों में जो वैज्ञानिक कार्य किए जाएंगे, उसे लेकर वे बहुत उत्साहित हैं। यह उनका और उनके दल का एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि वे इस समय विश्वभर में अंतरिक्ष यात्रा (space travel) करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन चुके हैं।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि उन्हें हल्के चक्कर आ रहे हैं, लेकिन इसे लेकर उनका उत्साह किसी भी शारीरिक परेशानी से कहीं अधिक है। "यह गर्व का क्षण है, हमारे लिए एक बड़ा कदम है," शुक्ला ने कहा। वह आईएसएस में अपने साथियों, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की, हंगरी के टिबोर कापू और अमेरिका की डॉ. पैगी व्हिटसन के साथ थे। शुक्ला ने अपने कंधे पर तिरंगा पहनने की बात फिर से दोहराई, जो उनके लिए गर्व का प्रतीक है।
शुभांशु शुक्ला के परिवार और मित्र लखनऊ में उस स्कूल में एकत्र हुए, जहां उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की डॉकिंग का लाइव प्रसारण देखा। शुक्ला की मां, आशा शुक्ला, यह ऐतिहासिक क्षण देख कर भावुक हो गईं और रो पड़ीं। वहीं, उनके पिता शंभूदयाल शुक्ला ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "यह हमारे लिए गर्व का दिन है। हम उनकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।"
इस मिशन के अंतर्गत भेजा गया कैप्सूल स्पेसएक्स के बेड़े का पांचवां और अंतिम ड्रैगन था, जिसे कक्षा में पहुंचने के बाद "ग्रेस" का नाम दिया गया। यह मिशन एक्सिओम 4 का हिस्सा था, और यह भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के लिए उनके अंतरिक्ष यात्रा की पहली शुरुआत थी।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में औपचारिक स्वागत समारोह के दौरान कहा, "यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं यहां खड़ा हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हल्का चक्कर महसूस हो रहा है, लेकिन यह एक छोटा सा मुद्दा है और जल्दी ही वे इस नए माहौल के आदी हो जाएंगे।
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर वैज्ञानिक समुदाय, भारतीय वायु सेना और आम नागरिकों ने गर्व और उत्साह जताया है। सोशल मीडिया पर #ShubhangshuInSpace ट्रेंड कर रहा है।
प्रधानमंत्री का संदेश -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर बधाई देते हुए लिखा, “तिरंगे के साथ अंतरिक्ष में भारत का बेटा, यह हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है।”
अगले 14 दिनों में आईएसएस से शुक्ला और उनकी टीम के प्रयोगों की झलकें साझा की जाएंगी।
ISRO ने इस ऐतिहासिक मौके को “नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा” बताया।
स्पेसएक्स और एक्सिओम की ओर से मिशन पर विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट जल्द आने की संभावना है।
शुभांशु शुक्ला ने जहां से पढ़ाई की, वहां छात्रों ने 'गर्व से कहो हम भारतीय हैं' के नारे लगाए।
आशा शुक्ला के लाइव रिएक्शन ने सोशल मीडिया पर भावनात्मक लहर दौड़ा दी।
राकेश शर्मा के बाद शुक्ला भारत के अंतरिक्ष गौरव में नया नाम जोड़ते हैं।
बहरहाल शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनका यह मिशन न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। इस यात्रा के दौरान वह और उनका दल कई वैज्ञानिक कार्यों में शामिल होंगे, जो अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।