बाबरी मस्जिद की नींव डालने का दावा करने वाले टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने दो दिन बाद ही बड़ा यू-टर्न ले लिया है। पहले उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इससे बंगाल की राजनीति में नई हलचल मच गई है।
Political controversy in Bengal: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। इससे पहले मंदिर-मस्जिद को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस समय जो सबसे ज्यादा चर्चाओं में विधायक हुमायूं कबीर है। कबीर ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ पर मुर्शिदाबाद में नई बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी। हालांकि दो दिन बाद ही विधायक ने अपने पुराने बयान से यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल विधानसभा से इस्तीफा नहीं देंगे।
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बता दें कि इससे पहले विधायक हुमायूं कबीर ने कहा था कि वे मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के कुछ दिनों बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि मस्जिद की नींव रखने के दो दिन बाद ही कबीर अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा कि अब मेरे इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। मैं विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहा हूं।
विधायक हुमायूं कबीर ने कहा कि जनता ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है। वे नहीं चाहते हैं कि मैं विधायक पद से इस्तीफा दूं। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए, मैंने इस्तीफा देने का फैसला वापस ले लिया है।
बता दें कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण ममता बनर्जी ने उन्हें TMC से निलंबित कर दिया। इसके बाद विधायक हुमायूं कबीर ने ऐलान किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी नई पार्टी बनाएंगे और करीब 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। विधायक ने कहा कि वे असदुद्दीन ओवैसी से भी गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं।
विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखी। इस दौरान लाखों लोग मौजूद थे। उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की।
हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी ने सीएम ममता बनर्जी पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ लोग 'वंदे मातरम' में विश्वास नहीं करते, लेकिन वे बाबरी मस्जिद में विश्वास करते हैं। हुमायूं कबीर ने नहीं, बल्कि ममता बनर्जी ने यह करवाया है (मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' मस्जिद की नींव रखी)। यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया है, और ममता बनर्जी को अब इसके नतीजे भुगतने होंगे।