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Bihar Election: क्या विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ईशान किशन के पिता? JDU में मिली नई जिम्मेदारी

Bihar Politics: ईशान किशन के पिता प्रणव पांडे को जेडीयू का राजनीतिक सलाहकार बनाया गया है।

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May 04, 2025
प्रणव पांडे को JDU का राजनीतिक सलाहकार बनाया गया।

Bihar Election: ईशान किशन के पिता प्रणव पांडे को जेडीयू का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। प्रणव पांडे ने 27 अक्टूबर 2024 को जनता दल-यूनाइटेड (JDU) में शामिल होकर अपनी सियासी पारी शुरू की थी। जेडीयू का राजनीतिक सलाहकार बनाने पर उन्होंने कहा कि वे सीएम नीतीश कुमार के काम से प्रभावित हैं और नई जिम्मेदारी को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर ईशान किशन भी JDU के लिए चुनाव प्रचार कर सकते हैं।

विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर क्या बोले प्रणव पांडे

हालांकि, प्रणव पांडे ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का होगा और वे एक छोटे सिपाही के रूप में पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे। पहले कुछ अटकलें थीं कि वे नवादा या औरंगाबाद के ओबरा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

ईशान को राजनीति से लगाव नहीं

प्रणव पांडे ने कहा कि ईशान किशन को राजनीति से लगाव नहीं है। लेकिन मेरे राजनीति में आने से वह भी उत्साहित है। अगर क्रिकेट से फुर्सत मिली तो वह भी विधानसभा चुनाव के समय जदयू के लिए चुनाव प्रचार कर सकता है।

पार्टी की जिम्मेदारियों को करूंगा पूरा

ईशान किशन के पिता ने जदयू के राजनीतिक सलाहकार बनने पर कहा कि उन्हें पार्टी ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोडे़ंगे। प्रणव पांडे ने कहा कि अब मुझे जिम्मेदारी मिल गई है जिसे मुझे पूरा करना है। 

नीतीश के कामों से हुआ प्रभावित

प्रणव पांडे ने कहा कि जब से मैंने राजनीति में रुचि ली है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कामों ने मुझे प्रभावित किया है। यही वजह है कि मैं नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हुआ।

बता दें कि बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है। जहां एक तरफ एनडीए अपनी सत्ता बरकरार रखने का प्रयास करेगी वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन इस बार सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रहा है।

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