ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी बंगाल से लोगों को बेदखल नहीं करने देगी। महिलाओं को चेताते हुए कहा, मेरी एक ही गुजारिश है—सीमावर्ती इलाकों में BSF चौकियों के आसपास कहीं न जाएं।
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनावी राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (SIR) का काम चल रहा है। सत्ता पक्ष तृणमूल कांग्रेस पहले दिन से ही SIR का विरोध कर रही है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की महिलाओं से कहा कि यदि मतदाता सूची की समीक्षा के दौरान उनके नाम हटा दिए जाते हैं, तो वे रसोई के औजारों के साथ तैयार रहें।
ममता बनर्जी ने कृष्णानगर में हुई एक रैली में कहा कि वह देखना चाहती हैं कि कौन अधिक शक्तिशाली है-महिलाएं या भारतीय जनता पार्टी। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “मैं सांप्रदायिकता में नहीं, धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती हूं। चुनाव आते ही बीजेपी पैसे का इस्तेमाल करके और दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर जनता को बांटने की कोशिश करती है।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी बंगाल से लोगों को बेदखल नहीं करने देगी। साथ ही महिलाओं को चेताते हुए कहा, “मेरी एक ही गुजारिश है-सीमावर्ती इलाकों में BSF चौकियों के आसपास कहीं न जाएं।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा, “एक घायल बाघ, स्वस्थ बाघ से कहीं अधिक खूंखार होता है। अगर आप हम पर हमला करेंगे, तो हम जानते हैं कि कैसे पलटवार करना है और कैसे अन्याय को रोकना है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने IT सेल द्वारा तैयार की गई सूचियों के आधार पर चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। ममता ने कहा, “याद रखिए, बिहार ऐसा नहीं कर सका, लेकिन बंगाल करेगा-चाहे आप कुछ भी कर लें।”
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी महान हस्तियों ने कभी लोगों को विभाजित नहीं किया। उन्होंने पूछा, “तो फिर आप कौन हैं?” ममता ने कहा कि बंगाल के लोगों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया है और देश के लिए बलिदान दिया है-उन्हें यह साबित करने की जरूरत नहीं कि वे भारत के नागरिक हैं।
खाद्य आदतों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “आप तय करेंगे कि आपको मछली-मांस खाना है या नहीं। बीजेपी तो आपको यह भी खाने नहीं देगी। कौन शाकाहारी रहेगा और कौन मांसाहारी-यह पूरी तरह व्यक्तिगत पसंद है।”