Neemuch- एमपी में किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर हंगामा मचा। प्रदेश के नीमच में मूंगफली के भाव में भारी गिरावट से किसान भड़क उठे।
Neemuch- एमपी में किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर हंगामा मचा। प्रदेश के नीमच में मूंगफली के भाव में भारी गिरावट से किसान भड़क उठे। उन्होंने मंडी में एक व्यापारी को घेरने की कोशिश करते हुए उसे खदेड़ दिया। व्यापारी बमुश्किल जान बचाकर भागा। पुरानी कृषि उपज मंडी में बुधवार को नाराज किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और व्यापारी ऋषि अग्रवाल को मंडी परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर खदेड़ दिया। अचानक मचे इस हंगामे से मंडी परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार, बुधवार को मंडी में मूंगफली के भाव 2200 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक लगाए जा रहे थे, जबकि दो दिन पहले यही भाव 5500 से 6000 रुपए तक थे। भावों में आई इस अप्रत्याशित गिरावट से किसान भड़क उठे।
मूंगफली के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी में व्यापारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। रसीद 4000 की काटी जा रही है, जबकि मौके पर केवल 2500 से 3200 रुपए प्रति क्विंटल तक ही देने की जिद की जा रही है।
किसानों ने मंडी में हंगामा मचा दिया। तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया जब किसानों ने व्यापारी ऋषि अग्रवाल को घेरने की कोशिश की। व्यापारी किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल हुआ। इसके बाद गुस्साए किसानों ने मंडी गेट पर ताला जड़ दिया और “मंडी बंद करो” के नारे लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते पूरा मंडी परिसर किसानों के विरोध से गूंज उठा।
सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम संजीव साहू, तहसीलदार संजय मालवीय, मंडी प्रभारी समीर दास और थाना प्रभारी निलेश अवस्थी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि किसान अपनी मांग पर अड़े रहे- या तो मूंगफली का भाव बढ़ाया जाए या मंडी बंद की जाए। इस दौरान करीब पांच घंटे तक मंडी में व्यापार ठप रहा। अंततः प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद अपरान्ह 3 बजे स्थिति काबू में आई। अधिकारियों की समझाइश के बाद व्यापारी नीलामी के लिए राजी हुए और मंडी का कामकाज दोबारा शुरू कराया गया।
एसडीएम संजीव साहू ने बताया कि किसानों और व्यापारियों के बीच भाव को लेकर विवाद था। दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है और व्यापारियों को उपज के उचित दाम देने के निर्देश दिए गए हैं। मंडी अब सुचारू रूप से संचालित हो रही है और किसानों के माल की अधिकतम नीलामी आज ही करने का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों का आरोप है कि मंडी में व्यापारी मनमानी कर रहे हैं। ऑटो चालक और हम्माल अलग से राशि वसूलते हैं, जबकि व्यापारी भी नीलामी के दौरान कटौती करते हैं। किसानों का कहना है कि इस तरह खुलेआम लूट मची हुई है, जिससे उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।