Delhi Crime: मूल रूप से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के जिगमन गांव निवासी आशा पिछले एक साल से वर्धन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 301 में बतौर घरेलू सहायिका काम कर रही थी। यह फ्लैट 49 साल के अशोक करनानी का है।
Delhi Crime: पूर्वी दिल्ली के वर्धन अपार्टमेंट में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 18 साल की घरेलू सहायिका ने चिल्लाते हुए अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर स्थित एक फ्लैट की खिड़की से कूदकर अपनी जान जोखिम में डाल दी। गंभीर रूप से घायल लड़की को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। दूसरी ओर फ्लैट मालिक के परिवार का कहना है कि लड़की तीन हजार रुपये चुराते हुए पकड़ी गई थी। इसलिए वह दहशत के चलते फ्लैट की खिड़की से नीचे कूद गई। बहरहाल पुलिस युवती के होश में आने का इंतजार कर रही है। ताकि उसका बयान दर्ज किया जा सके।
यह दुखद घटना 17 सितंबर को शाम करीब 5:15 बजे की है। पुलिस को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल से एक मेडिकल-लीगल केस (MLC) कॉल के जरिए सूचना मिली कि एक लड़की को छत से गिरने के बाद भर्ती कराया गया है। पीड़िता की पहचान 18 साल की आशा के रूप में हुई, जो झुग्गी संख्या 265, गली संख्या 6, अल्लाह कॉलोनी की निवासी है। मूल रूप से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के जिगमन गांव से ताल्लुक रखने वाली आशा, पिछले एक साल से वर्धन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 301 में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी। यह फ्लैट 49 साल के अशोक करनानी और उनके परिवार का है।
पुलिस के घटना स्थल पर पहुंचने पर, करनानी परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। फ्लैट मालिक की पत्नी, श्वेता करनानी ने पुलिस को बताया कि आशा ने 3,000 रुपए चुराने की कोशिश की थी। श्वेता का दावा है कि जब उन्होंने आशा को रंगे हाथों पकड़ा तो वह घबरा गई और भागकर रसोई में चली गई। कथित तौर पर उसने रसोई की छोटी खिड़की से बाहर छलांग लगा दी। घटना के समय करनानी परिवार की चार महिलाएं घर में मौजूद थीं।
घटना के तुरंत बाद, घायल आशा को पहले लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। आशा फिलहाल आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों ने पुलिस को सूचित किया है कि वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। पुलिस ने कहा है कि जैसे ही उसकी हालत में सुधार होगा, उसका बयान दर्ज किया जाएगा, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है।
पुलिस की अपराध टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है और वहां से साक्ष्य एकत्र किए हैं। वर्तमान में, पुलिस ने इस मामले में कोई भी आरोप दर्ज नहीं किया है, क्योंकि अभी तक पीड़िता का बयान नहीं लिया जा सका है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिसमें चोरी का आरोप और लड़की का अचानक कूदने का निर्णय शामिल है। इस घटना ने एक बार फिर घरेलू सहायिकाओं की सुरक्षा और उनके काम करने की परिस्थितियों पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस आशा के परिवार से भी संपर्क साधने की कोशिश कर रही है ताकि उनसे भी इस मामले के बारे में जानकारी ली जा सके। यह देखना बाकी है कि आशा के बयान से इस घटना की सच्चाई किस तरह से सामने आती है।