Delhi: दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और नगर इंजीनियरिंग सेवाओं से जुड़े 703 स्कूलों में से 59 स्कूलों ने पानी की रुक-रुक कर सप्लाई की शिकायत की, जबकि 48 स्कूलों में पानी की आपूर्ति अनियमित या पूरी तरह बंद पाई गई।
Delhi: दिल्ली सरकार ने शहर के 799 स्कूलों में पानी और बिजली की कमी को लेकर गंभीर चिंता जताई है और अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों से फॉर्म के जरिए जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, कई स्कूल बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे उनके दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरकार ने समस्याएं दूर कर 15 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और नगर इंजीनियरिंग सेवाओं से जुड़े 703 स्कूलों में से 59 स्कूलों ने पानी की रुक-रुक कर सप्लाई की शिकायत की, जबकि 48 स्कूलों में पानी की आपूर्ति अनियमित या पूरी तरह बंद पाई गई। ऐसे स्कूल अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए टैंकर या सबमर्सिबल पंपों पर निर्भर हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि 22 स्कूल पूरी तरह टैंकरों पर निर्भर हैं, जिनमें से चार ने डीजेबी कनेक्शन के लिए आवेदन कर रखा है। वहीं, 10 स्कूलों में बिल्कुल पानी नहीं मिल रहा। इनमें से तीन का पुनर्निर्माण जारी है, जबकि सात स्कूल आसपास के संस्थानों या टैंकरों से पानी ले रहे हैं। इन सात में से दो स्कूल पहले ही डीजेबी कनेक्शन के लिए आवेदन कर चुके हैं।
HT की रिपोर्ट के अनुसार, 64 स्कूल बोरवेल या सबमर्सिबल पंप से पानी ले रहे हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है। बिजली के मामले में छह स्कूलों में कहीं बिजली की आपूर्ति नहीं मिली तो कहीं पुनर्निर्माण के चलते आपूर्ति प्रभावित है, क्योंकि पुर्ननिर्माण प्रक्रिया के चलते वह स्कूल किसी दूसरे परिसर में चल रहे हैं। 793 स्कूलों में बिजली कनेक्शन होने के बावजूद 17 स्कूलों ने बार-बार होने वाली बिजली कटौती से पढ़ाई प्रभावित होने की बात कही।
इन हालात को देखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षा उप निदेशकों (DDE) को आदेश दिया है कि वे रिपोर्ट में बताए गए तथ्यों की जांच करें और तुरंत सुधार सुनिश्चित करें। जिन स्कूलों में डीजेबी कनेक्शन नहीं है, उन्हें जल्द आवेदन करने को कहा गया है। वहीं, पानी की आपूर्ति बाधित होने पर टैंकर सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही, डीडीई को दिल्ली जल बोर्ड और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ समन्वय बनाकर प्रभावित स्कूलों में नियमित आपूर्ति बहाल करने की जिम्मेदारी दी गई है। एक अधिकारी ने कहा कि डीजेबी कनेक्शन के लंबित मामलों का निपटारा जल्द किया जाए और स्कूलों की ज़रूरतें समय पर पूरी हों। टैंकर पर निर्भर स्कूलों को तब तक डीजेबी के टैंकरों से आपूर्ति दी जाएगी जब तक नियमित कनेक्शन नहीं मिल जाता।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बोरवेल और सबमर्सिबल पंपों पर निर्भर स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की मदद से पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए। साथ ही, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड जैसी कंपनियों के साथ मिलकर स्कूलों में बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है। परिसर साझा करने वाले स्कूलों के लिए अलग मीटर की व्यवस्था की सिफारिश भी की गई है ताकि बिलिंग और निगरानी में पारदर्शिता बनी रहे।
इसके अलावा, जिन स्कूलों में बार-बार बिजली जाती है या जनरेटर उपलब्ध नहीं हैं, वहां सोलर पैनल लगाने की संभावनाएं तलाशने की सलाह दी गई है। सभी डीडीई को निर्देश दिया गया है कि वे 15 दिनों के भीतर मुख्यालय को अनुपालन रिपोर्ट सौंपें। जिसमें स्कूल-वार उठाए गए कदमों का स्पष्ट विवरण हो।