Baghpat News: पहाड़ों पर मूंगफली बेचते-बेचते एक युवक अचानक बाबा बन गया। हैरान करने वाली बात यह है कि यह बाबा पहले सिगरेट पीता है, फिर उसके धुएं से भक्तों का इलाज करता है।
Baghpat News: देश के अलग-अलग राज्यों में फेक बाबाओं के होने की आए दिन तमाम खबरें सामने आती रहती हैं। सभी बाबाओं का भक्तों की परेशानियां दूर करने का तरीका अलग-अलग होता है। अब पश्चिमी यूपी के बागपत जिले में एक बाबा की ज़ोरों से चर्चा हो रही है। दरअसल, यह बाबा झाड़-फूंक या दवा नहीं, बल्कि सिगरेट के धुएं से दुख-दर्द और परेशानियां खत्म करने का दावा कर रहा है। वहीं, सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
आपको बता दें कि यह बाबा बागपत जिले के बड़ौत क्षेत्र के दोघट कस्बे में अपना छोटा-सा दरबार लगाता है। यह लोगों के बीच ‘सिगरेट वाले बाबा’ के नाम से फेमस हो रहा है। यह बाबा अपने भक्तों के सामने सिगरेट का कश लगाता है और धुआं उनके मुंह पर फूंकने के बाद संकट दूर करने का दावा करता है। अब इसे अनोखी परंपरा कहा जाए या बाबा का ढोंग, लेकिन इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग उसके दरबार में आ रहे हैं। बाबा के पास आने वाले लोग भी मानते हैं कि उसके सिगरेट के धुएं से उनकी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। वहीं जब बाबा के बारे में जानकारी निकाली गई, तो पता चला कि सिगरेट वाले बाबा किसी भी पुरानी परंपरा से नहीं जुड़े हैं और न ही तपस्या करके कोई सिद्धि प्राप्त की है।
मिली जानकारी के अनुसार, ‘सिगरेट वाले बाबा’ पहले मूंगफली बेचता था। कुछ समय तक वह पहाड़ों में घूम-घूमकर मूंगफली बेचता रहा, लेकिन अचानक वह बाबा बन गया। अब बाबा का बाकायदा दरबार लगता है और पूरी व्यवस्था संभालने के लिए लोग भी रखे गए हैं। पूरे इलाके में उसकी नई पहचान ‘सिगरेट वाले बाबा’ के रूप में बन गई है और धुएं के कश से वह लोगों का इलाज भी कर रहा है।
दिनभर मूंगफली बेचकर 500 रुपये कमाने वाला युवक अब एक भक्त को देखने के लिए 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की फीस लेता है। डॉक्टरों की तरह बाबा के पास भी लोग पर्ची लगाते हैं और नंबर आने पर उसके पास जाकर बैठते हैं। भक्त बाबा को अपनी परेशानी बताते हैं और बाबा सिगरेट पीकर उनके मुंह पर धुआं फूंक देता है और परेशानी दूर होने का दावा करता है। इसके बाद बाबा के दरबार में करीब 30 से 40 सेकंड तक भजन बजता है, जिसके दौरान बाबा अपनी गर्दन इधर-उधर घुमाते रहते हैं। इसके बाद दूसरे भक्त को बाबा के पास बुलाया जाता है।