नई दिल्ली

परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर…सीएम रेखा की सुरक्षा में मिलीं बड़ी खामियां, अब CRPF ने संभाला मोर्चा

CM Rekha Security: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद अब CRPF की जेड श्रेणी सुरक्षा से एक मजबूत सुरक्षा कवच तैयार किया गया है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती यह है कि सुरक्षा कड़ी करते हुए जनता से मुख्यमंत्री की नजदीकी भी बरकरार रखी जा सके।

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दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा। (फोटोः @gupta_rekha)

CM Rekha Security: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां सामने आने के बाद अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है। गुरुवार को सीआरपीएफ ने आधिकारिक तौर पर यह जिम्मा लिया और तुरंत ही मुख्यमंत्री के चारों ओर एक विशेष सुरक्षा घेरे की तैनाती कर दी। यह फैसला उस घटना के बाद लिया गया, जब मुख्यमंत्री पर उनके सिविल लाइंस स्थित आवास में आयोजित साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और केंद्र सरकार को हिला दिया और बिना समय गंवाए सीएम को जेड-श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया।

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अब कैसी होगी सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा व्यवस्‍था?

CRPF ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए एक निकट सुरक्षा टीम (CPT) तैनात की है, जिसमें कम से कम चार प्रशिक्षित कमांडो हर समय उनके साथ रहेंगे। इनके अलावा मुख्यमंत्री के काफिले में 22 सशस्त्र सुरक्षा कर्मी शामिल किए गए हैं। ये सभी जवान वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल में विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। सीएम के आवास पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए दो सशस्त्र कमांडो लगातार शिफ्ट में तैनात रहेंगे।

दिल्ली पुलिस संभालेगी बाहरी सुरक्षा

दिल्ली पुलिस का सुरक्षा दस्ता अब केवल परिधि सुरक्षा तक सीमित रहेगा, जबकि मुख्य सुरक्षा जिम्मेदारी सीआरपीएफ के पास होगी। मुख्यमंत्री के काफिले में अब उन्नत सुरक्षा उपकरणों से लैस गाड़ियां जोड़ी गई हैं। यह वही सुरक्षा स्तर है, जो देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को दिया जाता है।

केंद्र सरकार का तत्काल फैसला

HT की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। गृह मंत्रालय का औपचारिक आदेश आने से पहले ही सीआरपीएफ को तत्काल जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनता से मिलने-जुलने के तौर-तरीकों में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे उपाय किए गए हैं जिनका खुलासा नहीं किया जा सकता। लेकिन इतना तय है कि अब सुरक्षा में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।”

जनसुनवाई पर भी असर

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हर हफ्ते लोगों से सीधे संवाद करने के लिए जनसुनवाई करती हैं। यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी, लेकिन अब सुरक्षा इंतजाम और कड़े होंगे। हर आने-जाने वाले की तलाशी सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस मिलकर करेंगी। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री आवास और जन सेवा सदन परिसर को और सुरक्षित बनाने के लिए कंटीले तार, ऊंची चारदीवारी और नई सुरक्षा चौकियां बनाई जा सकती हैं।

सुरक्षा समीक्षा में कई कमजोरियां मिलीं

पिछले दो दिनों में केंद्र और राज्य की एजेंसियों ने मुख्यमंत्री आवास और आसपास के इलाके का गहन सुरक्षा सर्वेक्षण किया। समीक्षा में पाया गया कि पूरे परिसर में कई सुरक्षा कमजोरियां मौजूद हैं। मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास 8, राज निवास मार्ग पर है, जहां चार अलग-अलग बंगले हैं। इनमें से दो में सीएम रहती हैं, जबकि बाकी दो अन्य मंत्रियों और अधिकारियों को आवंटित हैं।

जुलाई में सीएम ने बंगला नंबर 2/8 में ‘मुख्यमंत्री जन सेवा सदन’ का उद्घाटन किया था, जहां जनता अपनी समस्याएं लेकर आती है। सुरक्षा समीक्षा में यह भी पाया गया कि चारों आवासों के लिए साझा प्रवेश और निकास बिंदु हैं, जिससे निगरानी करना और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा नौकरों के लिए बने साझा क्वार्टरों को भी सुरक्षा दृष्टि से कमजोर कड़ी बताया गया है।

अधिकारियों की चिंता

अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था में जरा-सी चूक भी खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम, रैली या जनसुनवाई के दौरान निकट सुरक्षा टीम को हर समय उनके साथ रहना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा “सिर्फ दो सेकंड की देरी भी बड़ा खतरा बन सकती है। इसलिए सीपीटी का हमेशा सतर्क रहना बेहद जरूरी है।”

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