नई दिल्ली

Delhi Assembly Elections 2025: मोदी के बाद योगी की सबसे ज्यादा डिमांड, दिल्ली में भाजपा ने उतारी फौज, बढ़ेगा सियासी पारा

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा ने दिग्गजों की पूरी फौज उतार दी है। इसके बाद अब दिल्ली का सियासी पारा और हाई होने वाला है। चुनाव प्रचार के लिए मोदी के बाद सबसे ज्यादा डिमांड सीएम योगी की है।

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Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली चुनाव 2025 के लिए सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार शुरू कर दिया है। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी डोर-टू डोर प्रचार अभियान चला रही है। वहीं भाजपा ने मेगा प्रचार अभियान के लिए अपनी पूरी फौज तैयार कर ली है। पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली में भाजपा का मेगा चुनाव प्रचार इसी हफ्ते शुरू हो जाएगा। इसमें सबसे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 23 जनवरी से दिल्‍ली में रोड शो और जनसभाओं से मेगा चुनाव प्रचार का शुभारंभ करेंगे। जबकि 26 जनवरी के बाद पीएम मोदी भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे। भाजपा ने दिल्ली में मेगा चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय नेताओं समेत कई प्रदेशों के सीएम और अन्य नेताओं की फौज तैयार की है। इन लोगों को सामाजिक समीकरणों के हिसाब से जिम्मेदारियां बांटी गई हैं।

मोदी के बाद सबसे ज्यादा सीएम योगी की डिमांड

भाजपा सूत्रों की मानें तो दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा मांग सीएम योगी की है। इसको देखते ही पार्टी ने दिल्ली में सीएम योगी की 12 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो तय किए हैं। जबकि पीएम मोदी की भी 26 जनवरी के बाद तीन से पांच सभाएं रखी गई हैं। इसके साथ ही भाजपा ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिदिन किसी न किसी बड़े नेता की रैली या जनसभा कराने की योजना तैयार की है। इसके तहत गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री और अन्य प्रदेशों के प्रमुख नेता सामाजिक समीकरणों के हिसाब से जनसभा, रैली, रोड शो और पदयात्रा में हिस्सा लेंगे।

एक नेता के पास दो विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी

पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली चुनाव 2025 में भाजपा ने चुनाव प्रचार और प्रबंधन का पूरा रोड मैप तैयार किया है। इसमें केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रमुख नेताओं समेत भाजपा संगठन से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही हर नेता को दो विधानसभा क्षेत्रों के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन, मनसुख मंडाविया को शकूरबस्ती और मादीपुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पीयूष गोयल और ब्रजेश पाठक समेत ये दिग्गज भी शामिल

पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को आदर्श नगर और बुराड़ी, गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही विनोद तावड़े को जनकपुरी-उत्तम नगर, तरुण चुग को लक्ष्मी नगर-कृष्णा नगर, अरुण सिंह को मॉडल टाउन-मोती नगर में लगाया गया है। जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर विधानसभा क्षेत्र का काम सौंपा गया है।

त्रिपुरा, तेलंगाना, झारखंड और बिहार के नेताओं को सौंपा काम

इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मटियाला-नजफगढ़, पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी मुंडका-नांगलोई जाट, त्रिपुरा के पूर्व सीएम विप्लव देव कस्तूरबा नगर-नई दिल्ली, बिहार से लोकसभा सांसद विवेक ठाकुर द्वारका-विकासपुरी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन गांधीनगर और विश्वास नगर की जिम्मेदारी उठाएंगे। जबकि झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे किराड़ी-रिठाला, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र नागर पटपड़गंज-शाहदरा, तेलंगाना से भाजपा सांसद अरविंद धर्मपुरी आरके पुरम-जंगपुरा, एमपी के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पालम-राजेंद्र नगर, यूपी के पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह छतरपुर और कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक प्रबंधन का काम देखेंगे।

दिल्ली में पांच फरवरी को होगा मतदान

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। इसके साथ ही चुनाव के नतीजे आठ फरवरी को आएंगे। इसी दिन परिणाम की घोषणा भी की जाएगी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि भाजपा को सिफ आठ सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस पिछले दो चुनावों से दिल्ली में खाता तक नहीं खोल पाई है। इस बार दिल्ली में कांग्रेस अपनी अस्मिता बचाने की लड़ाई लड़ रही है। जबकि आम आदमी पार्टी और भाजपा में मुख्य चुनावी मुकाबला माना जा रहा है।

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