नई दिल्ली

कर्नाटक के डिप्टी सीएम दिल्ली तलब, इस मामले में बढ़ सकती है परेशानी, कांग्रेस में हलचल तेज

Karnataka Deputy CM: नेशनल हेराल्ड केस में EOW ने कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार को नोटिस भेजा है। उनसे 19 दिसंबर तक वित्तीय जानकारी मांगी गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है।

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कर्नाटक के डिप्‍टी सीएम डीके शिवकुमार को दिल्ली तलब किया गया।

Karnataka Deputy CM: दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने कांग्रेस ने धुरंधर नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को नोटिस भेजकर दिल्ली तलब किया है। यह नोटिस नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए भेजा गया है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस पूछताछ के बाद कर्नाटक के डिप्‍टी सीएम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नोटिस मिलने के बाद जहां डीके शिवकुमार ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया। वहीं कांग्रेस में भी हलचलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक इस नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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नोटिस क्यों भेजा गया?

ईओडब्ल्यू की तरफ से भेजे गए नोटिस में लिखा है कि एजेंसी नेशनल हेराल्ड मामले की गंभीरता के साथ जांच कर रही है। इस दौरान शुरुआती जानकारी के आधार पर ऐसा माना जाता है कि डीके शिवकुमार को कुछ ऐसी जानकारी है, जिससे जांच को सही दिशा मिल सकती है। इसलिए जांच एजेंसी ने नोटिस में उनसे उनके पैसों के लेनदेन, बैकग्राउंड, कांग्रेस पार्टी से संबंध की जानकारी मांगी है। साथ ही उनके या उनसे जुड़े संस्थानों ने यंग इंडियन को जो फंड ट्रांसफर किए, उनकी भी जानकारी मांगी गई है। जांच एजेंसी यह जानना चाहती है कि पैसे ट्रांसफर क्यों किए गए थे और आखिर इन फंड्स का स्रोत क्या है?

एजेंसी के डीके शिवकुमार से पूछे ये सवाल

दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने यह नोटिस 29 नवंबर को जारी किया था। इसमें कर्नाटक के डिप्टी सीएम को दिल्ली में एजेंसी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए 19 दिसंबर को तलब किया गया है। इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर तक या तो उन्हें खुद पेश होना होगा या फिर मांगी गई सभी जानकारियों को लिखित रूप में जमा कराना होगा। ईओडब्ल्यू ने विशेष रूप से डीके शिवकुमार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या ये पेमेंट किसी विशेष ऑर्डर पर किए गए थे और क्या उन्हें इन फंड्स के उपयोग के बारे में पता था। इसके अलावा एजेंसी ने यह भी पूछा है कि क्या उनका यंग इंडियन या एआईसीसी के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ इस मामले में औपचारिक या अनौपचारिक बातचीत हुई थी?

नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?

इस मामले की शुरुआत 2013 में हुई थी, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने डीके शिवकुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उन पर आरोप था कि एसोसियेटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी, जो नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी, उसकी 988 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को यंग इंडियन नाम की कंपनी ने 2010 में सिर्फ 50 लाख रुपये में अपने कब्जे में ले लिया। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की पार्टनरशिप 76 प्रतिशत बताई जाती है। इसी शिकायत के आधार पर ईडी ने जांच शुरु की थी, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने भी आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने क्या कहा?

इसी बीच, डीके शिवकुमार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वह कानून का सम्मान करते हैं और जांच में हर तरह से को-आर्डिनेट करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की एजेंसियां राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर कार्रवाई कर रही हैं। शिवकुमार का कहना है कि उन्हें बार-बार इसलिए निशाना बनाया जाता है, क्योंकि वह कांग्रेस को छोड़ने या दबाव में आने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि सच सामने आएगा और अदालत में वह निर्दोष साबित होंगे। वहीं पार्टी के लोगों का यह भी कहना है कि शिवकुमार उन नेताओं में से भी है, जिन पर पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा जांच और कानूनी कार्रवाई हुई हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध

इस मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह नोटिस राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। उनका कहना है कि यंग इंडियन की संपत्ति कोई निजी संपत्ति नहीं थी। इसलिए आरोप झूठे हैं। वहीं कर्नाटक के कांग्रेस नेता भी इस नोटिस पर सवाल उठा रहे हैं। कर्नाटक में डीके शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि उन्हें लगातार निशाने पर रखा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने बीजेपी के दबाव में झुकने से मना कर दिया था। उनका दावा है कि कांग्रेस पार्टी में भी शिवकुमार उन नेताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने मुश्किलों में पार्टी का साथ कभी नहीं छोड़ा और इसी वजह से वे कुछ राजनीतिक शक्तियों के निशाने पर हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेसियों ने क्या कहा?

मल्लिकार्जुन खरगे ने नेशनल हेराल्ड मामले के लेकर कहा कि यह पूरा मामला 'राजनीतिक प्रतिशोध (political vendetta) से प्रेरित है और आरोप बेबुनियाद हैं। खरगे ने कहा कि 12 साल पुराना मामला फिर से उठाया गया है, क्योंकि वर्तमान आरोप कमजोर पड़ गए हैं। अब नाटकबाजी के जरिए विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं के डराने धमकाने के लिए बीजेपी और ईडी इस केस का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। खरगे ने यह भी कहा कि न्यायपालिका इस उत्पीड़न और दबाव को समझेगी और इन आरोपों को आधारहीन साबित करेगी।

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