Delhi Girl Rape: दिल्ली में 4 साल की बच्ची से रेप के मामले में रोहिणी कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने जांच में लापरवाही और रिपोर्ट पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई और पीड़िता की नाजुक हालत को देखते हुए 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
Delhi Girl Rape: दिल्ली में चार साल की एक बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने एक बार फिर पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। रोहिणी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतनी गंभीर घटना में जांच अधिकारी का कोर्ट में मौजूद नहीं होना बहुत ही चौंकाने वाली बात है। अदालत ने जांच की धीमी रफ्तार और रिपोर्ट को पेश नहीं करने पर भी सख्त टिप्पणी की। साथ ही पीड़िता की नाजुक हालत पर कोर्ट ने चिंता भी जताई।
एडिशनल सेशंस जज अमित सहरावत ने सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि इतने गंभीर और संवेदनशील मामले में भी पुलिस इतनी लापरवाही के साथ कैसे काम कर रही है। अदालत में सुनवाई के समय न जांच अधिकारी मौजूद है और न ही उनकी तरफ से कोई और व्यक्ति मौजूद है। साथ ही पहले से जानकारी देने के बाद भी कोई VIR (पीड़ित प्रभाव रिपोर्ट) भी दर्ज नहीं करवाई गई है। अदालत ने इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पुलिस के इस व्यवहार की निंदा भी की।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता सिर्फ चार साल की है। आरोपी ने उसके साथ इतनी बेरहमी से बलात्कार किया, जिसकी वजह से उसके दोनों गुप्तांग फट गए। इसके चलते उसे 15-16 दिनों के लिए हॉस्पिटल में भर्ती रहना पड़ा। इतना ही नहीं हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद भी पीड़िता की हालत इतनी गंभीर है कि बच्ची सामान्य तरीके से अपने बॉडी पार्ट्स का उपयोग नहीं कर पा रही है और उसे पाइप से मल त्याग करना पड़ रहा है। पीड़िता की हालत देखते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में आईओ और एसएचओ पीएस महेंद्र पार्क की तरफ से हुई लापरवाही की कीमत पीड़िता और उसके परिवार वाले नहीं भुगतेंगे।
पीड़िता के माता-पिता ने कोर्ट के बताया कि वह आजादपुर सब्जी मंडी में खाना-नाश्ते की रेहड़ी लगाते थे। लेकिन अब उन्हें बच्ची के साथ 24 घंटे रहना पड़ता है, जिस वजह से उनका भारी नुकसान हो रहा है। अदालत ने कहा, "पीड़िता की पीड़ा की कल्पनी भी नहीं की जा सकती है, क्योंकि वह सिर्फ चार साल की बच्ची है। यह सबसे गंभीर पीड़ा और दुख है, जिससे बच्ची इस समय गुजर रही है। एडिशनल सेशंस जज अमित सहरावत ने कहा, "इन परिस्थितियों में इस अदालत का कर्तव्य है कि वह पीड़िता और उसके माता-पिता की मदद करे और इस परिवार के दुखों को कुछ हद तक कम करे।" इसी के साथ अदालत ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को बच्ची को 5 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश दिया।
हाल ही में दिल्ली के नरेला इंडस्ट्रियल एरिया से भी ऐसी ही दिल दहलाने वाली घटना सामने आई थी। उसमें भी एक चार साल की बच्ची ऐसी ही घटना की शिकार हुई। वह मासूम बच्ची मदरसा जा रही थी, तभी उसकी जान-पहचान का रिजवान उसे रास्ते में मिला और उसे बहला-फुसलाकर एक खाली मकान में ले गया। वहां उस व्यक्ति ने नशे की हालत में उस मासूम बच्ची के साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया। मदरसा नहीं पहुंचने पर मदरसे के संचालक ने जब बच्ची को तलाशना शुरू किया तो बच्ची उन्हें सूने मकान में बिना कपड़ों के लहूलुहान हालत में मिली। उसके बाद बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया और रिजवान को पॉक्सो एक्ट के साथ गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर लिया। बच्ची से दरिंदगी करने के बाद आरोपी रिजवान भी बच्ची के पास अर्धनग्न हालत में लेटा मिला था।