Delhi: उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली पूनम यादव के पति ने उसे तलाक दे दिया था। इसके बाद वह 16 साल के बेटे के भरण पोषण के लिए और आसानी से पैसा कमाने के रास्ते खोजने लगी।
Delhi: दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी एक 34 साल की महिला को गिरफ्तार किया है। इस महिला का नाम पूनम यादव है और इसका एक 16 साल का बेटा भी है। पति से तलाक होने के कारण पूनम अपने बेटे के साथ कानपुर में रहती थी। इस दौरान आर्थिक तंगी और अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उसने गैरकानूनी रास्ता चुना, जो उसे जेल पहुंचाने का कारण बन गया। दरअसल, दिल्ली पुलिस की एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (AATS) ने थाना लक्ष्मी नगर की टीम के साथ मिलकर सोने की चोरी के एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए एक अंतरराज्यीय महिला चोर को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार महिला की उम्र 34 साल है और इसका नाम पूनम यादव है, जो उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पूनम दिल्ली-एनसीआर और आस-पास के कई राज्यों में ज्वेलरी की दुकानों को निशाना बनाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देती रही है। हाल ही में उसने लक्ष्मी नगर की एक दुकान से चोरी की थी और इससे पहले चांदनी चौक और गुरुग्राम में भी इसी तरह की घटनाओं में शामिल रही थी। पुलिस के अनुसार, दिवाली से एक दिन पहले 19 अक्टूबर को पूनम और उसकी दो साथी महिलाएं लक्ष्मी नगर की प्रसिद्ध ज्वेलरी शॉप ‘जेवर महल’ में ग्राहक बनकर दाखिल हुईं।
त्योहार के मौके पर दुकान में भारी भीड़ थी, जिसका फायदा उठाते हुए तीनों ने 5.4 ग्राम वजन की एक सोने की अंगूठी चुरा ली और मौके से फरार हो गईं। यह पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद दुकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी। इसके आधार पर थाना लक्ष्मी नगर में धारा 305 BNS के तहत ई-एफआईआर (संख्या 80100114/25) दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए दो विशेष टीमों का गठन किया। टीम A की निगरानी इंस्पेक्टर पवन (AATS ईस्ट) कर रहे थे, जबकि समग्र मार्गदर्शन एसीपी संजय सिंह (ऑपरेशंस) के पास था। टीम में एएसआई अर्जुन सिंह, एएसआई अजीत, एएसआई मुनेंद्र और कांस्टेबल पंकज शामिल थे। टीम B की कमान एसएचओ लक्ष्मी नगर के अधीन थी और उसका मार्गदर्शन एसीपी अशोक कुमार (प्रीत विहार) कर रहे थे। इसमें हेड कांस्टेबल रूपेंद्र, हेड कांस्टेबल किशन और महिला कांस्टेबल शिखा शामिल रहीं।
पुलिस टीमों ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज का गहराई से विश्लेषण किया और मानवीय खुफिया जानकारी (human intelligence inputs) के आधार पर यह पता लगाया कि यह महिला गिरोह उत्तर प्रदेश के कानपुर से ताल्लुक रखता है। 28 अक्टूबर को मिली एक पुख्ता सूचना के बाद टीम ने जिला इटावा के थाना बसरेहर के गांव चकवा खुर्द में छापा मारा, जहां से पूनम यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे दिल्ली लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान पूनम ने स्वीकार किया कि वह पिछले कुछ वर्षों से ज्वेलरी की दुकानों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रही थी। तलाक के बाद अपने 16 वर्षीय बेटे की परवरिश और आर्थिक तंगी के चलते उसने चोरी का रास्ता अपनाया।
वह त्योहारों के दौरान भीड़भाड़ वाले बाजारों को निशाना बनाती थी, ताकि दुकानदारों का ध्यान आसानी से बंट सके। पूनम और उसकी साथी महिलाएं छोटी लेकिन कीमती चीजें, जैसे सोने की अंगूठियां या झुमके, चुराकर तुरंत बेच देती थीं। पुलिस के अनुसार, वह चोरी किए गए गहनों को कानपुर और आसपास के इलाकों में स्थानीय सुनारों को बेचती थी। 29 अक्टूबर को आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से पुलिस को तीन दिन की हिरासत रिमांड मिली है, ताकि चोरी के गहनों की बरामदगी और उसके साथियों की गिरफ्तारी की जा सके।
दिल्ली पुलिस अब यह जांच कर रही है कि पूनम यादव किन-किन जगहों पर पहले वारदातों को अंजाम दे चुकी है और उसके नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में अक्सर महिलाएं शातिर तरीके से चोरी करती हैं और त्योहारों के समय भीड़ का फायदा उठाती हैं। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस उम्मीद कर रही है कि इससे दिल्ली-एनसीआर में हुई अन्य ज्वेलरी चोरी के मामलों का भी खुलासा होगा।