Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का लेवल ‘बेहद खराब’ से बढ़कर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है। इसके तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का आदेश दिया है।
Delhi Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को फैसला लिया कि कक्षा 5 तक के छात्रों की कक्षाएं अब हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी। इसका मतलब यह है कि छोटे बच्चे स्कूल जाने की जगह ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे। यह कदम उस समय उठाया गया जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से बढ़कर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का आदेश दिया।
CAQM द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 10 नवंबर को 362 था, जो 11 नवंबर की सुबह बढ़कर 425 हो गया। यह ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। आयोग ने कहा कि प्रदूषण में बढ़ोतरी का कारण शांत हवाएं, स्थिर वातावरण और मौसम की प्रतिकूल स्थिति है। आयोग ने अपने बयान में कहा कि वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट को देखते हुए GRAP-3 के सभी उपाय तुरंत प्रभाव से पूरे एनसीआर में लागू किए जा रहे हैं। ताकि हालात और न बिगड़ें।
GRAP-3 लागू होने के बाद निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़ी सभी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर में अगले आदेश तक भवन निर्माण या विध्वंस कार्य, सीवर, पानी, बिजली या जल निकासी की लाइन डालने के लिए खुदाई, पेंटिंग, प्लास्टरिंग, वेल्डिंग और गैस कटिंग, टाइल लगाना, सीमेंटिंग और वाटरप्रूफिंग का काम, सड़क निर्माण या मरम्मत कार्य, निर्माण सामग्री का लोडिंग, अनलोडिंग या परिवहन,निर्माण स्थलों से निकलने वाले मलबे का ढोना जैसे काम नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में अब BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल गाड़ियों (हल्के मोटर वाहन) को चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही दिल्ली में पंजीकृत पुराने डीजल वाहनों और दिल्ली के बाहर के BS-III या उससे कम श्रेणी के डीजल वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। आयोग ने कहा है कि दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक, CNG और BS-VI डीजल बसें ही प्रवेश कर सकेंगी। इसके अलावा पर्यटक परमिट वाली बसों और टेम्पो ट्रैवलर को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने कुछ और कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत एनसीआर और दिल्ली की सरकारें कक्षा 5 तक के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने पर विचार करेंगी। सड़कों की मशीनों से सफाई बढ़ाई जाएगी। ताकि धूल कम उड़ सके। सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाएगा, ताकि लोग निजी वाहन कम इस्तेमाल करें। एनसीआर में सभी स्टोन क्रशर और खनन कार्यों पर रोक लगाई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के इस स्तर पर सांस, आंख और त्वचा की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सरकार ने कहा है कि ये सारे कदम लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जरूरी हैं। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव और इन सख्त नियमों के चलते हवा की स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है।