
दिल्ली कार धमाका।
Delhi Car Blast: दिल्ली कार ब्लास्ट से पूरे देश में खलबली मची है। एक ओर जहां पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस कार के मालिकों की छानबीन करने में जुटी है। इस दौरान सामने आया कि 2013 मॉडल i20 कार करीब सात बार बेची गई, लेकिन इसका मालिक 2014 में कार खरीदने वाला सलमान ही बना रहा। इसी बीच दावा किया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियां कार ब्लास्ट के कथित मास्टरमाइंड तक पहुंच गई हैं। जांच एजेंसियों को अब तक जो सुराग मिले हैं, उनके मुताबिक डॉ. उमर नबी इस धमाके का कथित मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि उमर नबी का नाम पहले भी फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल में सामने आया था। उस कार्रवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने मिलकर करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए थे और डॉ. मुज्जमिल शकील को गिरफ्तार किया गया था।
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले उस कार की जांच शुरू की, जिससे विस्फोट हुआ था। वाहन का नंबर हरियाणा का निकला और यह सलमान नामक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पूछताछ में सलमान ने बताया कि उसने यह कार डेढ़ साल पहले तारिक नाम के व्यक्ति को बेची थी। तारिक ने कार ओखला निवासी देवेंद्र को बेची। देवेंद्र ने आगे यह गाड़ी अंबाला के एक व्यक्ति को बेच दी, जिसने बाद में इसे जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी आमिर को सौंप दी। आमिर के बाद यह कार फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ. उमर मोहम्मद नबी तक पहुंची। आखिरी समय में यह कार डॉ. उमर के पास ही थी। सीसीटीवी में कार के अंदर बैठे दिख रहे युवक को सुरक्षा एजेंसियां प्रथम दृष्टया डॉ. उमर मोहम्मद नबी मान रही हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया “कार की लोकेशन ट्रेस करने के बाद हमें कई अहम सबूत मिले, जिनसे उमर नबी की संलिप्तता स्पष्ट होती जा रही है।”
पुलिस का कहना है कि फरीदाबाद और जम्मू में संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद डॉ. उमर नबी का नाम भी सामने आया था। इसके बाद जांच में ये भी सामने आया कि डॉ. उमर नबी, डॉ. मुज्जमिल शकील और डॉ. आदिल अहमद राठेर एक ही आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए थे। इसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। पुलिस को आशंका है कि सुरक्षा एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी से घबराकर डॉ. नबी ने ही कार ब्लास्ट की योजना बनाई। इसी के तहत दिल्ली में लाल किले के पास धमाका किया गया। ताकि आतंकी मॉड्यूल की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटकाया जा सके।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 30 अक्टूबर को फरीदाबाद से डॉ. मुज्जमिल शकील को गिरफ्तार किया था। उससे पहले डॉ. आदिल अहमद राठेर को भी हिरासत में लिया गया था। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री जुटाने में शामिल थे। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने करीब 2,900 किलो विस्फोटक और बम बनाने के उपकरण जब्त किए थे। इस दौरान डॉ. उमर नबी का नाम भी सामने आया था। पुलिस उसतक पहुंचती, इससे पहले दिल्ली में बड़ा कांड हो गया।
इस मामले में एनआईए, आईबी, दिल्ली पुलिस समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल प्रमुख के अनुसार, "हमें कुछ अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के भी प्रमाण मिले हैं, जिनकी पुष्टि के लिए डिजिटल फोरेंसिक विश्लेषण जारी है।" दिल्ली के सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। लाल किला और आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन निगरानी शुरू कर दी गई है। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी गई है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला डॉ. उमर नबी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। उधर, कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में डॉ. उमर नबी के भाई और मां को हिरासत में लिया है।पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। इसके अलावा इनका डीएनए सैंपल भी लिया गया है। ताकि मौके पर मिले शव से इसका मिलान करवाकर डॉ. उमर नबी की पहचान की जा सके। दूसरी ओर, हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से भी तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा 2900 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किए तीन डॉक्टरों का संबंध भी इसी यूनिवर्सिटी से पाया गया। पुलिस ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी की घेराबंदी की है। सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी के अंदर पुलिस बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है। इसके अलावा फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में भी मस्जिदों की जांच की जा रही है।
Updated on:
11 Nov 2025 05:29 pm
Published on:
11 Nov 2025 03:54 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
