नई दिल्ली

चालक बिना QR कोड के निकले तो खैर नहीं, न्यू ईयर से NCR के इस शहर में नया नियम लागू

Ghaziabad : नए साल से गाजियाबाद में सिर्फ वही ई-रिक्शा सड़कों पर चलेंगे जिनमें यूनिक क्यूआर कोड होगा, जिसमें चालक का नाम, फोटो, मोबाइल नंबर, वाहन पंजीकरण और परमिट जैसी पूरी जानकारी दर्ज होगी।

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Ghaziabad : नए साल यानी कि एक जनवरी से दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद शहर में बड़ा बदलाव होने वाला है। दरअसल, यहां पर अब वही ई-रिक्शा सड़कों पर चलेंगे जिनका क्यूआर कोड होगा। इस क्यूआर कोड में ई-रिक्शा चालक का नाम, फोटो, मोबाइल नंबर, वाहन पंजीकरण और परमिट से जुड़ी जानकारी दर्ज रहेगी।

नए नियम को लेकर डीसीपी ट्रैफिक त्रिगुण बिसेन ने बताया कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और महिला सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर ई-रिक्शा को अब एक यूनिक क्यूआर कोड से जोड़ा जा रहा है। इस क्यूआर कोड में चालक का नाम, फोटो, मोबाइल नंबर, वाहन पंजीकरण और परमिट जैसी पूरी जानकारी दर्ज रहेगी। क्यूआर कोड स्कैन करते ही चालक और वाहन की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी, जिससे पहचान और निगरानी करना आसान हो जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि सभी ई-रिक्शा चालक 31 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन कराकर अपना क्यूआर कोड मुफ्त प्राप्त कर लें।

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यातायात व्यवस्था में मिलेगी राहत

डीसीपी ट्रैफिक के अनुसार, क्यूआर कोड से ई-रिक्शा के निर्धारित रूट और नो-एंट्री क्षेत्रों में निगरानी करना आसान होगा। इससे जाम, गलत पार्किंग और नियम उल्लंघन जैसी नहीं होंगी। उनके अनुसार, शहर में अगर कोई दुर्घटना या आपराधिक घटना होती है इस क्यूआर कोड की मदद से पुलिस आरोपी तक आसानी से पहुंच सकती है। डीसीपी ने कहा कि इस कदम से अवैध और अनधिकृत ई-रिक्शा पर प्रभावी नियंत्रण रहेगा और यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था महिला सुरक्षा के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बिना क्यूआर कोड के निकले तो होगी कर्रवाई

डीसीपी ने ई-रिक्शा चालकों और मालिकों से अपील करते हुए कहा है कि दो दिन के भीतर क्यूआर कोड प्राप्त कर अपने वाहन पर अवश्य लगवा लें, ताकि नए साल से होने वाली कार्रवाई से बचा जा सके। 01 जनवरी से बिना क्यूआर कोड वाले ई-रिक्शों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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