Monsoon: दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मानसूनी बारिश का सिलसिला थोड़ा रुक गया है। हालांकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान की मानें तो अगले छह दिनों तक हल्की बारिश और बादलों की आवाजाही का क्रम जारी रहेगा।
Monsoon: मौसम विभाग ने अगले छह दिनों का यानी 11 से 16 सितंबर तक मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर देश के कुछ राज्यों में आंधी-तूफान और बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बात अगर दिल्ली-एनसीआर की करें तो दिल्ली में इस दौरान आंधी आने की प्रबल संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक दिल्ली-एनसीआर में हवा की रफ्तार 20 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रह सकती है। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी, लेकिन बारिश की संभावना बहुत कम है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा, पंजाब में अगले एक सप्ताह तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। मध्य प्रदेश के भोपाल में 11 सितंबर को गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं लखनऊ, चंडीगढ़ और अमृतसर में इस सप्ताह के आखिरी तक स्थानीय लेवल पर भारी बारिश की संभावना दिखाई दे रही है। इसके चलते सितंबर में ही हल्की ठंड शुरू होने की संभावना भी व्यक्त की गई है।
IMD ने बुधवार को जारी अलर्ट में बताया है कि 10 सितंबर को तमिलनाडु के 12 जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश (तटीय क्षेत्र एवं रायालसीमा) में भी अगले चार दिनों तक भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलने की संभावना वाली चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान मौसम वैज्ञानिकों ने मछुआरों को समुद्र में जाने से बचने की विशेष रूप से सलाह दी है। वहीं केरल में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान आसमानी बिजली गिरने की भी संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पूर्वी अरब सागर और इससे सटे दक्षिणी पाकिस्तान के ऊपर बना कम दबाव वाला क्षेत्र लगातार सक्रिय है। बीते 6 घंटों में यह सिस्टम लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है। बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक इसका केंद्र लगभग 24.8 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 65.5 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। यह करांची (पाकिस्तान) से करीब 170 किलोमीटर पश्चिम, हैदराबाद (पाकिस्तान) से लगभग 300 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम और गुजरात के नलिया से लगभग 390 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में था।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले छह घंटों में यह सिस्टम पश्चिम की ओर बढ़ते हुए धीरे-धीरे कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर पड़ सकता है। हालांकि, इसका असर पाकिस्तान के तटीय इलाकों और गुजरात के कुछ हिस्सों के मौसम पर देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस सिस्टम के चलते अरब सागर में समुद्र की लहरें ऊंची उठ सकती हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। गुजरात के तटीय जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा और तेज हवाओं की संभावना भी जताई गई है।