Namo Bharat Train: दिल्ली एनसीआर के लोगों को जल्द ही जाम के झाम से मुक्ति मिलने वाली है। इसके लिए तीन राज्यों को जोड़ने वाली एक नई नमो भारत ट्रेन चलाई जाएगी। इसके लिए रूट फाइनल हो गया है। इसके अलावा एक और बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
Namo Bharat Train: दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके लिए दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इससे जहां तीन राज्यों के लोगों की आपस में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, वहीं दिल्ली-एनसीआर में जाम के झाम से भी मुक्ति मिलेगी। इसके तहत जहां एक ओर एनसीआरटीसी ने कई शहरों को जोड़ने वाली नमो भारत ट्रेन की डीपीआर तैयार कर ली है। वहीं दूसरी तरफ नोएडा में बन रही चिल्ला एलिवेटेड सड़क प्रोजेक्ट में भी तेजी देखने को मिल रही है। इन दोनों प्रोजेक्ट्स का काम पूरा होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में सफर पहले से ज्यादा आसान होगा और ट्रैफिक में घंटों तक फंसे रहने की समस्या का भी स्थायी समाधान होगा। साथ ही शहरों के बीच की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
नमो भारत ट्रेन गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगी। यह ट्रेन 61.5 किलोमीटर लंबे रूट पर चलेगी। इस रूट पर टोटल 6 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके तहत गुरुग्राम में इफ्को चौक और सेक्टर-54, फरीदाबाद में बाटा चौक और सेक्टर 85-86 और नोएडा में सेक्टर 142-168 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर पर ट्रेन का ठहराव होगा। यह सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। ताकि नीचे की सड़क के ट्रैफिक पर प्रभाव न पड़े। इस ट्रेन के प्रोजेक्ट की लागत लगभग 15,745 करोड़ रुपये आंकी गई है।
यह ट्रेन इफ्को चौक से शुरू होकर मिलेनियम सिटी सेंटर, फरीदाबाद-नोएडा-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे और यमुना नदी पार करते हुए सूरजपुर पहुंचेगी। इसी दौरान ट्रेन अरावली पहाड़ियों का हिस्सा भी पार करेगी, जो इस रूट को और स्पेशल बनाता है। शुरुआत में छह कोच वाली 10 ट्रेनें चलेंगी, जिसमें एक साथ लगभग 1,928 लोग सफर कर सकेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 75 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी, जिसमें से 41.8 हेक्टेयर निजी और बाकी सरकारी जमीन है। इस रूट के निर्माण के लिए 5655 पेड़ काटने पड़ेंगे, लेकिन इसके बदले पर्यावरण की भरपाई के लिए 56,550 पौधे भी लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर काम अप्रैल 2026 से शुरू होने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, नोएडा में दिल्ली-मयूर विहार फ्लाईओवर से लेकर महामाया फ्लाईओवर तक बनने वाली चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। यह एलिवेटेड रोड छह लेन की होगी और 5.96 किलोमीटर लंबी होगी। इस पर लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट का काम 30% पूरा हो चुका है और 2027 तक इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का अमुमान लगाया जा रहा है।
चिल्ला एलिवेटेड रोड के प्रोजेक्ट में कुछ समय पहले खराब क्वालिटी की स्टील के प्रयोग होने का मामला सामने आया था। जांच के बाद नोएडा प्राधिकरण ने निर्माण एजेंसी पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस दौरान प्राधिकरण ने साफ कहा है कि इस प्रोजेक्ट में सिर्फ तय की गई कंपनियों की स्टील ही उपयोग की जाएगी। दरअसल, इस प्रोजेक्ट में स्टील के लिए पहले से तीन बड़ी कंपनियों को चुना गया था, जिनमें सेल, जिंदल और एक और कंपनी शामिल है। लेकिन काम करने वाली एजेंसी ने इन तय कंपनियों की जगह एक छोटी और कम पहचान वाली कंपनी के स्टील का प्रयोग किया।
अधिकारियों के अनुसार, प्रयोग किए गए स्टील की क्वालिटी अच्छी नहीं थी। निरीक्षण के समय यह गड़बड़ी पकड़ में आई थी। इसके बाद प्राधिकरण ने एजेंसी को सात बार नोटिस भेजा और जवाब मांगा। जवाब नहीं मिलने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। नवंबर 2021 में इस विवाद के चलते इसका काम रुक गया था और साढे़ तीन साल बाद मार्च में फिर इसका काम शुरू कराया गया था।