Kaushal Swaraj Passes Away: नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता कौशल स्वराज का गुरुवार को निधन हो गया। वह 73 साल के थे। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
Kaushal Swaraj Passes Away: राष्ट्रीय राजधानी की नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता कौशल स्वराज का गुरुवार को निधन हो गया। कौशल स्वराज मात्र 37 साल की उम्र में मिजोरम के राज्यपाल बनने वाले पहले राजनेता थे। 33 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट से वकालत शुरू करने वाले कौशल स्वराज ने राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। स्वराज कौशल न सिर्फ एक प्रखर अधिवक्ता थे, बल्कि राज्यसभा सांसद और एक अनुभवी प्रशासक के रूप में भी उनकी पहचान रही।
नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज अपने पिता के बेहद करीब थीं। उन्होंने कई मौकों पर बताया था कि उनका नाम भी पिता की इच्छा से ही रखा गया था। एक पुराने इंटरव्यू में बांसुरी ने बताया था कि उनकी मां सुषमा स्वराज कृष्ण भक्त थीं, जबकि पिता चाहते थे कि बेटी का नाम किसी वाद्य यंत्र पर रखा जाए। दोनों की इस चाह का परिणाम था ‘बांसुरी’। बांसुरी ने यह भी बताया था कि उन्होंने कभी इस वाद्य यंत्र को बजाना सीखने का प्रयास नहीं किया, हालांकि उन्हें संगीत से लगाव है। इंटरव्यू में बांसुरी ने अपने परिवार की निजी जिंदगी का एक रोचक पहलू भी साझा किया था।
उन्होंने कहा था कि घर में कभी राजनीति पर चर्चा नहीं होती थी। उनकी मां सुषमा स्वराज हर शुक्रवार की शाम सिर्फ बेटी के लिए रखती थीं। यह एक ऐसा समय होता था, जब न तो पिता का दखल होता था और न ही कोई दूसरा उनके बीच हस्तक्षेप करता था। पिछले साल लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से जीत के बाद बांसुरी ने अपने पिता से मुलाकात का एक भावुक वीडियो शेयर किया था। इसमें वह भावुक होती नजर आई थीं और पृष्ठभूमि में उनकी मां सुषमा स्वराज की तस्वीर दिखाई दे रही थी। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा था कि पिता का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है, लेकिन उनके स्पर्श की कमी गहराई से महसूस होती है।
साल 1952 में सोलन में जन्मे स्वराज कौशल ने चंडीगढ़ से अपनी शिक्षा पूरी की और पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। वह 34 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट के वकील बने और सिर्फ 37 साल की उम्र में मिजोरम के राज्यपाल नियुक्त किए गए। वे साल 1990 से 1993 तक इस पद पर रहे। इसके बाद साल 1998 से 2004 तक वे राज्यसभा सदस्य रहे। 1975 में उन्होंने सुषमा स्वराज से विवाह किया था और बांसुरी उनकी एकमात्र संतान हैं। स्वराज कौशल के निधन से एक संवेदनशील, विद्वान और विनम्र जनसेवक का अवसान हुआ है।