- प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करने वाले वैध भट्टों को ही मिलेगी अनुमति, अवैध भट्टों पर होगी कार्रवाई - क्षेत्रीय अधिकारी की अध्यक्षता में 70 भट्टा मालिकों की बैठक, एनजीटी के आदेश के बाद नई व्यवस्था लागू
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से राज्य सरकार को दिए गए आदेश के अनुसार राजस्थान में ईंट भट्टों की संचालन अवधि सीमित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत अब ईंट भट्टों का संचालन 1 दिसंबर से 31 मई तक होगा। जबकि पहले एनजीटी के आदेश पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने 4 मई 2025 को आदेश जारी कर प्रदेश में (एनसीआर क्षेत्र छोड़कर) ईंट भट्टों की फायरिंग गतिविधियां 1 जनवरी से 30 जून तक चलाने की अनुमति दी थी। अब इसे बदल दिया गया है।
परिस्थितियों को देखते हुए नया निर्णय
विभिन्न जिलों के भौगोलिक वातावरण व स्थानीय मांगों को ध्यान में रखते हुए 13 नवंबर 2025 को मंडल ने निर्णय किया था कि ईंट भट्टों की फायरिंग अवधि का निर्धारण अब क्षेत्रीय अधिकारियों की ओर से तय किया जाएगा। इसी क्रम में भीलवाड़ा जिले के लिए फायरिंग अवधि निर्धारित करने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने की। बैठक में 70 ईंट भट्टा मालिक शामिल हुए।
भट्टा मालिकों ने रखी 1 दिसंबर से 31 मई तक की मांग
बैठक में चिमनी ईंट भट्टा एसोसिएशन भीलवाड़ा के सचिव दिनेश पारीक और उपाध्यक्ष लादूलाल पहाड़िया ने बताया कि चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बूंदी, उदयपुर आदि सीमावर्ती जिलों में 1 दिसंबर 2025 से 31 मई 2026 तक की अवधि निर्धारित की जा रही है। भीलवाड़ा का बाजार इन जिलों से संयुक्त रूप से जुड़ा है, इसलिए भीलवाड़ा में भी यही अवधि लागू करने की मांग रखी गई।
वैध भट्टों को ही मिलेगी अनुमति
भट्टा प्रतिनिधिमंडल की मांगों और क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने निर्णय किया कि भीलवाड़ा जिले के सभी वैध ईंट भट्टों (जिन्होंने राज्य मंडल से सम्मति प्राप्त की है और प्रदूषण नियंत्रण की सभी शर्तों का पालन कर रहे हैं) को 1 दिसंबर से 31 मई तक फायरिंग गतिविधि की अनुमति दी जाएगी। 1 जून से 30 नवंबर तक जिले में किसी भी स्थिति में कोई ईंट भट्टा संचालित नहीं होगा।
अवैध भट्टों पर होगी सख्त कार्रवाई
क्षेत्रीय अधिकारी धनेटवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य मंडल से बिना सम्मति प्राप्त अवैध ईंट भट्टों को तुरंत प्रभाव से चिन्हित कर बंद कराने के आदेश जारी किए जाएंगे। इस संबंध में विस्तृत आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे। नई अवधि लागू होने के बाद भट्टा मालिकों, मजदूरों और बाजार व्यवस्था पर इसका प्रभाव आगामी सीजन में स्पष्ट होगा। वही भीलवाड़ा में ईंट भट्टों की संचालन अवधि को लेकर यह बड़ा निर्णय प्रदूषण नियंत्रण नियमों के कड़ाई से पालन और प्रदेश के अन्य जिलों के अनुरूप कार्यप्रणाली स्थापित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।