पाली में जिला परिषद के बाहर नगर निगम के एक संवेदक के पुत्र ने प्रभारी मंत्री के पैरों में गिरकर अटके भुगतान की गुहार लगाई।
पाली। मैं परेशान हूं साहब, पिछले दो साल से आपके और कलक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं। मेरा पेमेंट नहीं हो रहा है, मेरे पास सुसाइड करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। जिला परिषद के बाहर आंखों में आंसू लिए नगर निगम के एक संवेदक के पुत्र राकेश गहलोत ने प्रभारी मंत्री झाबरसिंह खर्रा के पैरों में गिरते हुए अपनी पीड़ा बयां की।
उसने कहा कि मेरे से पेट्रोल पम्प वालों सहित अन्य लोग तकाजा कर रहे हैं। नगर निगम व प्रशासन का काम किया, उसके पैसे नहीं दे रहे। मैं क्या करूं, आत्महत्या ही मार्ग बचा है। युवक के पीड़ा बताने पर जिला कलक्टर ने उससे कहा कि आपको यहां से जितनी राशि का भुगतान करना था, उससे दोगुना किया है, लेकिन युवक पूरी राशि देने को लेकर गिडगिड़ाता रहा।
गहलोत ने कहा कि मैं मंत्री के पीछे घूम रहा हूं। मजबूर आदमी क्या करेगा आईएएस और आईपीएस के सामने, जो वो लिखेंगे उस पर साइन ही करेगा। मरना थोड़े है मुझे। पीड़ित ने बताया कि उसके इस साल मड पम्प लगाने के 30 लाख और पिछले 47 लाख अधिकारियों के अनुसार बाकी है, जबकि पिछले साल के मेरे 60 लाख रुपए हैं। अधिकारियों ने मेरे 20 लाख रुपए काट दिए। मैंने आज अल्टीमेंटम दिया है कि मैं घर जाकर सुसाइड करूंगा।
गहलोत ने कहा कि वर्ष 2024 में बरसात हुई थी। मैंने जिला कलक्टर के आश्वासन पर कार्य किया। प्रभारी मंत्री व प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने भी वादा किया था। मैं दफ्तर के चक्कर लगा रहा हूं। अधिकारी मुझे ब्लैक लिस्ट करने की धमकी देते हैं। चोर ये हैं, मैं नहीं हूं। मैंने पाली में 18 मड पम्प लगाए थे।
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संवदेक ने कार्य करने का एग्रीमेंट किया था। उनके 80 लाख रुपए बाकी नहीं है। इन्होंने इस साल कार्य करने से पहले शपथ पत्र दिया था कि मैं इस वर्ष जो कार्य करूंगा, उसके लिए मैं पिछला पेमेंट नहीं मांगूंगा। इस साल का नियमानुसार पेमेंट किया है।
- नवीन भारद्वाज, आयुक्त, नगर निगम, पाली