Inland Port In Rajasthan: इनलैंड पोर्ट परियोजना के तहत नवलखी पोर्ट से कुकड़िया तक बनने वाली 250 किलोमीटर लंबी कैनाल के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण शुरू हो गया है। इस कैनाल के निर्माण से पाली-जालोर क्षेत्र में आर्थिक विकास और नए रोजगार अवसरों की उम्मीद बढ़ गई है।
Inland Port Project पाली। सांचौर में इनलैंड पोर्ट परियोजना के तहत कैनाल निर्माण के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है। यह कैनाल गुजरात के नवलखी पोर्ट से भवातड़ा-कुकड़िया सरहद तक बनाई जाएगी। लगभग 250 किलोमीटर लंबी इस कैनाल का अंतिम पॉइंट कुकड़िया होगा, जिससे पाली-जालोर जिले के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना पर करीब दस हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
कैनाल की खुदाई, संरचना का आकलन करने के लिए विशेषज्ञ टीमों को तैनात किया गया है। जालोर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विजेश कुमार बालेसा, नर्मदा खंड प्रथम के एक्सईएन नितिन जैन और नायब तहसीलदार वेरसीराम मेघवाल की उपस्थिति में सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ हुआ।
सर्वेक्षण की जिम्मेदारी मद्रास आईआईटी के एनटीसीपीडब्ल्यूसी (नेशनल टेक्नोलॉजी सेंटर फॉर पोर्ट्स, वाटरवेज एंड कोस्ट्स) और ओसियन इंजीनियरिंग विभाग की टीम निभा रही है। यह टीम आधुनिक तकनीक का उपयोग कर भू-आकृति, जल प्रवाह, मिट्टी की क्षमता, कैनाल की चौड़ाई, गहराई और निर्माण से जुड़ी चुनौतियों का विस्तृत अध्ययन कर रही है।
इस परियोजना की मुख्य विशेषता यह है कि नवलखी पोर्ट से सीधे कुकड़िया तक कैनाल बनने से आंतरिक क्षेत्र के लिए एक नया इनलैंड पोर्ट (सूखा बंदरगाह) विकसित होगा। इससे जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी।
व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने से पाली और जालोर जिले सहित प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र को आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। कैनाल बनने के बाद उद्यमिता, गोदाम निर्माण, परिवहन व्यवसाय, कृषि उत्पादों के निर्यात और अन्य औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इनलैंड पोर्ट के विकसित होने से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सर्वे की शुरुआत के साथ ही यह बहुप्रतीक्षित परियोजना अब धरातल पर आकार लेती दिख रही है। ग्रामीणों और स्थानीय व्यापारियों को उम्मीद है कि यदि इस कैनाल का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।