Gajnei Dam: गजनेई बांध में पानी भरपूर होने के बावजूद कमांड क्षेत्र के किसानों की रबी फसलें सूखने लगी हैं। नहर टूटने के बाद से पानी सप्लाई बंद है और अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की चुप्पी किसानों की चिंता बढ़ा रही है।
सोजत रोड। क्षेत्र के सबसे बड़े गजनेई बांध में इस समय भरपूर पानी मौजूद है, लेकिन विडंबना यह है कि कमांड क्षेत्र के किसानों की रबी की फसलें सूखने लगी हैं। रबी की बुवाई को दो महीने बीत चुके हैं। किसानों के अनुसार अब तक दो पाण पानी मिल जाना चाहिए था, जबकि अभी तक एक पाण भी नसीब नहीं हुआ है। लाडपुरा, हिरावास, ढंढा लाम्बोडी, केलवाद, बिजागुड़ा सहित कई गांवों के खेतों की सिंचाई इसी बांध से होती है, लेकिन पानी नहीं मिलने से चना, गेहूं, जौ, सरसों व अन्य फसलें गंभीर संकट में हैं।
किसानों का आरोप है कि जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ व सहायक अभियंता फोन तक नहीं उठा रहे। बांध के अध्यक्ष से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। किसी को यह जानकारी तक नहीं है कि पानी कब छोड़ा जाएगा। गत 4 दिसंबर को बांध से पानी छोड़ा गया था, लेकिन ढंढा लाम्बोडी के पास नहर टूटने से मात्र एक दिन बाद ही प्रवाह बंद कर दिया गया। नहर बंद होने के बाद कमांड क्षेत्र के किसानों को पानी नहीं मिल सका है।
किसानों ने आरोप लगाया कि विधायक, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य तक पानी छोड़वाने की मांग नहीं कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की यह उदासीनता विभागीय अधिकारियों के ढीले रवैये को बढ़ावा दे रही है।
ब्याज पर पैसे लेकर बुवाई करने वाले किसान पानी नहीं मिलने पर कर्ज में डूब जाएंगे। बैंक और साहूकारों का ऋण चुकाना मुश्किल हो जाएगा।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा गया तो क्षेत्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलक्टर और विधायक से मिलकर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
गजनेई बांध का पानी कब छोड़ा जाएगा, इसका जवाब अधिशाषी अभियंता दे सकते हैं। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।