बिहार चुनाव से सीख लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में अगर सपा की सरकार बनी तो हम लोग महिलाओं को 40 हज़ार रुपये देंगे। हम लोगों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
बिहार चुनाव 2025 के परिणाम पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमने बिहार चुनाव से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव से 2027 की तैयारी करने में मदद मिलेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर 2027 में यूपी में सपा की सरकार बनी, तो हमारी सरकार महिलाओं को 40,000 रुपये देगी। प्राइवेट चैनल आजतक से बातचीत में, बिहार चुनाव में महागठबंधन की करारी हार से जुड़े सवाल पर उन्होंने ये बातें कही।
अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार चुनाव में मैं कई जगहों पर गया था। हर जगह तेजस्वी यादव की सरकार बनती दिख रही थी, लेकिन 10 हज़ार रुपये ने पूरा खेल बिगाड़ दिया। चुनाव से ठीक पहले सरकार ने महिलाओं को 10 हज़ार रुपये देना शुरू किया, जिससे माहौल पूरी तरह बदल गया। जिन लोगों को यह रकम नहीं मिली, वे आज भी इसका इंतज़ार कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि इस कदम ने बिहार चुनाव में एनडीए की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बिहार चुनाव से सीख लेते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी में हम लोग महिलाओं को 40 हज़ार रुपये देंगे और इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने आगे कहा, “मुझे याद है कि यूपी में समाजवादी पार्टी ने महिलाओं को 500 रुपये की समाजवादी पेंशन देना शुरू किया था। उसके बाद के चुनाव में हम लोग महिलाओं को 1 हज़ार रुपये देने वाले थे। लोकसभा चुनाव आया तो हमने 2 500 रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन अब सपा ने तय किया है कि यूपी में अगर सपा की सरकार बनी तो प्रत्येक महिला को प्रति वर्ष 40 000 रुपये दिए जाएंगे।”
अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार चुनाव से सबक लेते हुए हमने तय किया है कि यूपी के 2027 के चुनाव में हम प्रति वर्ष महिलाओं को 40 हज़ार रुपये देंगे। उन्होंने कहा कि हमने बीजेपी से सीखकर यह हिसाब‑किताब लगाया है। उन्होंने कहा कि यूपी की हमारी माताएँ‑बहनें जो 500‑500 रुपये खो चुकी हैं, उन्हें सूद सहित वापस करेंगे। इसलिए यह रकम तय की गई है।
बिहार चुनाव की चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी चुनाव में गानों पर भी हमारी पैनी नजर रहेगी। बिहार में गानों ने खेल बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी, इसलिए हम सबक लेते हुए अपने लोगों को पहले से अलर्ट कर रहे हैं। बिहार चुनाव में कुछ लोग पार्टी लाइन से हटकर गाना गाते रहे, लेकिन आरजेडी को इससे कोई लेना‑देना नहीं था। हालांकि, बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर पूरा खेल बदल दिया