पटना

बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में पांच सीटों पर फंसा पेंच, कांग्रेस ने उतारे प्रत्याशी, RJD खफा

बिहार विधानसभा चुनाव : महागठबंधन का बंधन सीट शेयरिंग को लेकर अब टूट की कगार पर है। गुरूवार की शाम में कांग्रेस ने पांच में चार उन सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार दिया जिसपर आरजेडी अड़ी हुई थी। इसके बाद विवाद बढ़ गया है।

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Oct 16, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन का शुक्रवार को अंतिम दिन है।लेकिन, महागठबंधन में सीट बंटवारे की गांठ सुलझ नहीं पाई है। महागठबंधन के घटक दलों के बीच संवाद भी बंद हो गए है। यह विवाद तब और बढ़ गया जब कांग्रेस ने पांच उन सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी दे दिए। आरजेडी सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को आरजेडी भी इन सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। आरजेडी के सीनियर नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के इस रूख के बाद महागठबंधन का बंधन अब टूटने की कगर पर है। कांग्रेस ने गठबंधन के बंधन को तोड़ने का काम किया है। इधर, कांग्रेस का कहना है कि हम शुरू से ही महागठबंधन के घटक दलों के बीच यह साफ कर दिए हैं कि कांग्रेस कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और किन किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पहले चरण का कल अन्तिम दिन है। महागठबंधन में सीटों का फाइनल नहीं होने पर हमने अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं।

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किन सीटों पर फंसा था पेंच

महागठबंधन में कहलगांव, लालगंज, वैशाली, वछवारा और लखीसराय सीट पर पेंच फंसा था। कांग्रेस गुरूवार की शाम में पांच में से चार सीटों पर बिना आरजेडी से बात किए अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। कांग्रेस ने लालगंज से आदित्य कुमार राजा, वैशाली से इंजीनियर संजीव सिंह, बछवाड़ा से शिव प्रकाश गरीब दास, लखीसराय से अमरेश कुमार (अनीश) को टिकट दे दिया है। कांग्रेस के लिस्ट जारी करने के साथ ही आरजेडी की भी सीनियर नेताओं के बैठक हुई है। इस बैठक में तय किया गया है कि उन सभी सीटों पर आरजेडी भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतरेगी। महागठबंधन के दो बड़े घटक दलों के बीच बढ़े दरार के बाद महागठबंधन के बंधन पर सवाल खड़े हो गए हैं।

कांग्रेस वीआईपी के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं

इधर, मुकश सहनी की वीआईपी पार्टी को लेकर भी सीटें तय नहीं हो पाई है। इसको लेकर गुरुवार को मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की नाराजगी खुलकर सामने आ गई। सूत्रों की मानें तो वीआईपी के लिए तेजस्वी यादव राजद कोटे से 8 या 9 सीटें छोड़ने को तैयार हैं। जबकि कांग्रेस एक भी सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। मुकेश सहनी कम से कम 18 सीटों की मांग कर रहे हैं।

पहले चरण में फंसा पेंच

ऐसे में पहले चरण को लेकर वीआईपी पार्टी का पेंच फंस गया है। सहनी की पार्टी का कहना है कि राजद और कांग्रेस ने पहले चरण के प्रत्याशियों को सिंबल भी दे दिया है। वीआईपी ने अभी तक एक भी सिंबल नहीं दिया है। ऐसे में पार्टी के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है। गुरुवार देर शाम तक अर्थात पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले तक महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का औपचारिक ऐलान नहीं हो सका।

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