बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी तापमान बढ़ गया है। लेकिन,एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची चल रहा है। गठबंधन में जितने घटक दल हैं उन सभी के अपनी अपनी मांगे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में माथापच्ची बढ़ गई है। गठबंधन के बंधन की चर्चा कर घटक दल की हर दिन एक नई मांग सामने आ रही है। एनडीए में सीटों के बंटवारों पर खटपट के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को पटना में आपात बैठक बुलाई है। चिराग पासवान के इस कदम से बिहार में सियासी हलचल तेज कर दी है।
चिराग पासवान की बैठक की चर्चा पर अभी विराम लगता इससे पहले रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 24 विधानसभा सीटों की एक सूची सौंपी है। उनकी पार्टी ने इन सीटों पर अपनी दावेदारी पेश
करते हुए कहा है हम इसपर अपनी तैयारी शुरू कर दिए हैं। बताया गया है कि इस लिस्ट में मधुबनी, उजियारपुर, महुआ, दिनारा, सासाराम, ओबरा, कुर्था, गोह, सुल्तानगंज और शेखपुरा जैसी महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। हालांकि, बीजेपी की ओर से अभी तक कुशवाहा की इस लिस्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इधर, जीतन राम मांझी ने 15 सीटों पर अड़े हुए हैं। केंद्रीय मंत्री मांझी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक कविता शेयर करते हुए लिखा, "हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, 'हम' वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे." मांझी ने कविता के सहारे अपनी पूरी बात बताने का प्रयास किया है। दरअसल, इससे पहले भी जीतनराम मांझी सम्मानजनक सीटों की मांग करते रहे हैं।
इससे पूर्व एनडीए में शामिल लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी इशारों ही इशारों में अपने पिता रामविलास पासवान के कथनों को उद्धृत करते हुए एक्स पर पोस्ट पर लिखा, "पापा हमेशा कहा करते थे - "जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत. जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो."