कांग्रेस ने बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर साफ कर दिया है कि बिहार में सिर्फ कमजोर सीट पर कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी। कमजोर सीट गठबंधन के बीच आपस में बांटने पड़ेंगे। तेजस्वी के सीएम फेस पर कांग्रेस ने एक बार फिर चुप्पी साधते हुए कहा कि बिहार की जनता बिहार का सीएम चुनेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि गठबंधन में कमजोर सीट पर इस दफा चुनवा नहीं लड़ेगी। वर्ष 2020 से पहले कांग्रेस जो गलती करती आ रही है, वह अब नहीं करेगी। गठबंधन में कमजोर सीटों का भी बारबरा बंटवारा होना चाहिए। कांग्रेस के इस तेवर के बाद महागठबंधन में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस पिछले दफा (2020) बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। लेकिन 70 में से 19 सीटों पर ही जीत सकी थी। लेकिन, कांग्रेस इस दफा वह गलती करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने दिल्ली में मंगलवार को दिल्ली में सीनियर नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद बुधवार को यह साफ कर दिया है।
महागठबंधन में सीएम फेस से जुड़े सवाल पर उन्होंने तेजस्वी का नाम नहीं लिया। अल्लावरू ने कहा कि, चुनाव के बाद बिहार का सीएम कौन बनेगा यह जनता तय करेगी। इससे पहले वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भी इससे जुड़े सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया था। इधर, आरजेडी और VIP पार्टी की ओर से तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम प्रोजेक्ट कर रही है।
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रत्येक प्रदेश में कमजोर और मजबूत सीट होते हैं। ऐसे में गठबंधन के सभी साथी को इसको आपस में बांटने होंगे। गठबंधन में अगर हर कोई मजबूत सीट पर ही चुनाव लड़ना चाहे तो गठबंधन कैसे चलेगा? इसलिए कमजोर सीटों को आपसे में बांट लेना पड़ेगा। इसके साथ ही कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि सीटों का बंटवारा भी शीघ्र कर लेना होगा।
सीट शेयरिंग के सवाल पर अल्लावरू ने कहा कि, हम मानते हैं कि गठबंधन में नए साथी आएंगे तो सभी को कंप्रोमाइज करना होगा, तभी नए साथी को मौका मिलेगा। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि पार्टी का अपना कोई मेनिफेस्टो नहीं होगा। मेनिफेस्टो महागठबंधन का होगा। मेनिफेस्टो को लेकर हम हर घर अधिकार यात्रा निकालेंगे। इसमें लोगों को मेनिफेस्टो की जानकारी दी जाएगी।