Bihar Election: बिहार विधानसभा के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को होगी। इस चरण में बिहार सरकार कर मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। जानिए कौन कहां से चुनाव लड़ रहा है।
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण अब निर्णायक मोड़ पर है। रविवार शाम प्रचार थम गया और अब सभी की निगाहें 11 नवंबर को होने वाले मतदान पर टिक गई हैं। इस चरण में कुल 20 जिलों की 122 सीटों पर वोट पड़ेंगे। यह चरण चुनावी दृष्टि से बेहद अहम है, क्योंकि इसमें राज्य सरकार के 12 वर्तमान मंत्रियों सहित कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इस बार कई राजनीतिक घरानों के वारिस भी खुद को साबित करने के लिए मैदान में हैं।
एनडीए सरकार के लिए यह चरण चुनौतीपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि जिन 12 मंत्रियों ने सरकार में अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं, उनकी सीटों पर सीधा मुकाबला है। इनमें उद्योग मंत्री नीतीश मिश्र झंझारपुर से, ऊर्जा एवं योजना मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव सुपौल से, परिवहन मंत्री शीला मंडल फुलपरास से, पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू छातापुर से और गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान हरसिद्धी (अजा) से मैदान में हैं। वहीं गया टाउन से सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, अमरपुर से भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, और बेतिया से पशुपालन मंत्री रेणु देवी अपनी सीट को बचाने की कोशिश में हैं।
| मंत्री | विभाग | विधानसभा क्षेत्र |
|---|---|---|
| नीतीश मिश्र | उद्योग मंत्री | झंझारपुर |
| बिजेन्द्र प्रसाद यादव | ऊर्जा व योजना मंत्री | सुपौल |
| शीला मंडल | परिवहन मंत्री | फुलपरास |
| नीरज सिंह बबलू | पीएचईडी मंत्री | छातापुर |
| कृष्णनंदन पासवान | गन्ना उद्योग मंत्री | हरसिद्धी (अ. जा.) |
| विजय कुमार मंडल | आपदा प्रबंधन मंत्री | सिकटी |
| लेशी सिंह | खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री | धमदाहा |
| जयंत राज | भवन निर्माण मंत्री | अमरपुर |
| डॉ. प्रेम कुमार | सहकारिता मंत्री | गया टाउन |
| सुमित कुमार सिंह | तकनीकी शिक्षा मंत्री | चकाई |
| जमा खान | अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री | चैनपुर |
| रेणु देवी | पशुपालन मंत्री | बेतिया |
इस चरण में केवल मौजूदा मंत्री ही नहीं, बल्कि कई वरिष्ठ और पूर्व बड़े चेहरे भी मैदान में हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सिकंदरा से और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कदवा से और माले के महबूब आलम बलरामपुर से मुकाबले में हैं। इनकी जीत और हार भविष्य की राजनीतिक भूमिका और उनके प्रभाव क्षेत्र को पुनर्परिभाषित कर सकती है।
दूसरे चरण की एक खास बात यह है कि कई सीटों पर मुकाबला सिर्फ राजनीतिक नहीं। इन सीटों पर राजनीतिक विरासत बचाने के लिए कई उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर जनता का फैसला केवल जीत-हार तय नहीं करेगा, बल्कि यह बताएगा कि परिवारिक विरासत राजनीति में कितनी मजबूत है और उसका जनसमर्थन कितना बचा है।