पटना

बिहार विधानसभा चुनाव: 243 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन ने उतारे 254 उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन ने अपने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिए हैं। 5 सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने हैं। वहीं, 2 सीटों पर वीआईपी और आरजेडी में सीधी टक्कर है।

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Oct 21, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव (Photo-Patrika)

बिहार विधानसभा के 243 सीटों पर महागठबंधन ने 254 प्रत्याशियों ने चुनाव मैदान में उतार दिए हैं। मतदान से पहले इसकी काफी चर्चा हो रही है। दरअसल, महागठबंधन में अंदरूनी खींचतान की वजह से यह सब हुआ है। एक सीट पर गठबंधन के दो-दो प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कर दिया है। इसकी वजह से वोटरों के समक्ष काफी उलझनें भड़ गई हैं। “कैलकुलेशन” से अब मतों के बिखराव का खतरा बढ़ गया है।

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इन सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशी आमने सामने

महागठबंधन के पांच सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने हैं। ये सीट है सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वैशाली। वहीं, 2 सीटों (चैनपुर और बाबू बरही) पर वीआईपी और आरजेडी में सीधी टक्कर है। इसके अलावा 4 सीटों (बछवाड़ा, करगहर, बिहारशरीफ और राजापाकर ) पर कांग्रेस और सीपीआई के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर दोनों दल आमने-सामने हैं। इन सीटों पर महागठबंधन के दो-दो उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से कार्यकर्ताओं के असमंजस की स्थिति है। एक ही गठबंधन के झंडे तले दो प्रचार कार्यालय, दो पोस्टर और दो उम्मीदवार होने से वोटर भी असमंजस्य में दिखाई दे रहे हैं।

तेजस्वी ने सामाजिक समीकरण पर दिया जोर

तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवारों की घोषणा करने में सामाजिक समीकरण को भी साधने का प्रयास किया है। लेकिन ‘माई समीकरण’ (मुस्लिम-यादव) को तरजीह दी है। पार्टी ने 51 यादव और 19 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इसके साथ ही अतिपिछड़ों और सवर्ण समुदाय के वोटरों को साधने के लिए उनको खास तवज्जो दी गई है। तेजस्वी ने इस बार 14 सवर्ण उम्मीदवार और 11 कुशवाहा चेहरों को टिकट देकर एनडीए के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।

ऋतु जायसवाल के बागी तेवर

महागठबंधन के भीतर की ये खींचतान पार्टी के लिए सिरदर्द बन गया है। कई सीटों पर एक ही गठबंधन के दो उम्मीदवार हैं। कई प्रत्याशी के सीट बदल दिए हैं। इसको लेकर कई बागी हो गए हैं। इसके लेकर ही आरजेडी नेत्री ऋतु जायसवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके बागी होने से आरजेडी के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। उन्होंने खुलकर कहा है कि टिकट वितरण में कई ईमानदार नेताओं की उपेक्षा की गई है। दलालों को पार्टी ने टिकट देने का फैसला किया है।

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