बिहार चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने 'जीविका दीदियों' समेत महिला कार्यकर्ताओं को मतदाता जागरूकता की कमान सौंपी है। पिछले चुनावों में महिलाओं ने पुरुषों से ज़्यादा वोटिंग की थी, और इस बार भी उनकी भूमिका निर्णायक रहने की उम्मीद है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है और इस बार चुनाव आयोग और राज्य सरकार की नजर खास तौर पर महिला मतदाताओं पर टिकी है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में महिलाओं का मतदान पुरुषों की तुलना में हमेशा अधिक रहा है। पिछले चुनावों के अनुभव ने इसे साबित कर दिया है कि महिला वोटर विधानसभा चुनाव के निर्णायक स्तंभ हैं।
शासन-प्रशासन ने इस बार महिला मतदान को बढ़ावा देने के लिए कई अहम पहल की है। चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने खास योजना बनाकर ग्रामीण इलाकों में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं यानी ‘जीविका दीदियों’ को मतदान जागरूकता अभियान की मुख्य जिम्मेदारी सौंपी है। ये महिलाएं गांव-गांव जाकर वोटरों को मतदान के महत्व और अधिकार के प्रति जागरूक करेंगी।
चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि जिन महिला मतदाताओं को बूथ तक पहुंचने में दिक्कत होती है, उन्हें सक्रिय करने का काम जीविका दीदियों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को सौंपा जाएगा। ये सभी मिलकर घर-घर जाकर महिला मतदाताओं से मुलाकात कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।
आंकड़ों की मानें तो बिहार में महिला मतदाता संख्या 4.07 करोड़ है, जो कुल मतदाताओं का लगभग 47.7 प्रतिशत है। 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार की 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 167 में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया था। खासकर उत्तर बिहार के मुस्लिम बहुल इलाकों में महिलाएं मतदान में पुरुषों से आगे रहीं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिलाओं को केंद्र में रखते हुए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना और आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी शामिल है। इन कदमों से महिलाएं राजनीति और सामाजिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय हो रही हैं। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में नगर निगम एवं निकाय कर्मी मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में लगे हैं वहीं कॉलेजों में युवा वोटरों को मतदान का महत्व समझाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी के लिए महिला पर्यवेक्षिकाओं और सीडीपीओ को भी जिम्मेदारी दी गई है ताकि मतदान अभियान का प्रभाव जमीन पर साफ दिख सके। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महिला मतदाता इस बार की चुनावी लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। दल प्रतिदल अपनी-अपनी रणनीति में महिलाओं को अधिक से अधिक समझाने, जोड़ने और उनका मत आकर्षित करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिला मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी न केवल राज्य के चुनावी परिणामों को प्रभावित करेगी बल्कि राजनीतिक दलों को भी सामाजिक कल्याण और महिला उन्नति की दिशा में और काम करने के लिए प्रेरित करेगी। यही वजह है कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर महिला मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की विशेष पहल शुरू की है, ताकि बिहार में लोकतंत्र की यह शक्ति पूरी तरह सक्रिय हो सके।