पटना

10 सर्कुलर रोड से पहले किस बंगले में रहता था लालू परिवार? 2005 में घर खाली करने के नोटिस पर क्यों भड़क गए थे लालू यादव

Bihar Politics: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिला है। दिलचस्प बात यह है कि 2005 में भी सत्ता बदलने के बाद लालू परिवार को आवास खाली करने का आदेश मिला था, जिसपर लालू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

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Nov 26, 2025
10 सर्कुलर रोड, राबड़ी आवास

Bihar Politics: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनका आवास एक बार फिर से सुर्खियों में है। 20 साल बाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड पर सरकारी घर खाली करने का नोटिस दिया गया है, जिसे आमतौर पर राबड़ी आवास के नाम से जाना जाता है। भवन निर्माण विभाग ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि यह आवास अब किसी अन्य सार्वजनिक पदाधिकारी को आवंटित किया जाएगा और राबड़ी देवी को वैकल्पिक आवास दिया जा रहा है।

इस नोटिस के साथ ही एक पुराना सवाल फिर से चर्चा में है कि 10 सर्कुलर रोड से पहले लालू-राबड़ी परिवार कहां रहता था और 2005 में घर खाली करने के आदेश पर इतना राजनीतिक तूफान क्यों उठ गया था?

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1 अणे मार्ग पर था लालू परिवार का पहला सरकारी निवास

बिहार की सत्ता में पहली बार 1990 में आने के बाद लालू प्रसाद यादव को पटना का सबसे प्रतिष्ठित सरकारी आवास 1, अणे मार्ग आवंटित हुआ। यही बंगला बाद में राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी परिवार का आधिकारिक घर रहा। 1997 में जब चारा घोटाला मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद लालू यादव ने इस्तीफा दिया और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं, तब भी पूरा परिवार इसी आवास में रहता था। यह बंगला 15 साल से अधिक समय तक लालू-राबड़ी का निवास बना रहा, और यहीं से उन्होंने लगातार चुनावी रणनीतियां और सरकार संचालन किया।

2005 में पहली बार मिला था घर खाली करने का नोटिस

नवंबर 2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और एनडीए सरकार ने राबड़ी देवी को 1 अणे मार्ग खाली करने का आदेश जारी किया, क्योंकि अब वे मुख्यमंत्री नहीं थीं। सरकारी नियमों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री को वैकल्पिक आवास दिया जाता था और नए मुख्यमंत्री का अधिकार होता है कि वे 1 अणे मार्ग स्थित आवास में प्रवेश करें। इसलिए राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड आवंटित किया गया। लेकिन राबड़ी देवी ने निर्धारित समय सीमा में मकान खाली नहीं किया। इस पर भवन निर्माण विभाग ने कड़े शब्दों में नोटिस जारी किया था। जिसमें सात दिनों के अंदर घर खाली नहीं करने पर बेदखल कर देने की बात कही गई थी।

नोटिस की भाषा पर भड़के थे लालू यादव

उस समय नोटिस की भाषा और टोन ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया था। लालू यादव ने तब कहा था कि घर खाली कराने की धमकी दी जा रही है, जबरन बेदखल करने की बात कही जा रही है। उस वक्त लालू परिवार ने घर खाली करने में देरी की दो वजह बताई थी। लालू परिवार खरमास चल रहा था और वे धार्मिक मान्यता के कारण नए घर में प्रवेश शुभ तिथि तक टालना चाहते थे। साथ ही उस समय 10 सर्कुलर रोड आवास में मरम्मत और निर्माण कार्य भी चल रहा था।

2025 में फिर से घर खाली करने का नोटिस

अब जब फिर से सत्ता बदली है और नीतीश सरकार का गठन हुआ है, 10 सर्कुलर रोड आवास को खाली करने का आदेश जारी किया गया है। राजद इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि यह केवल प्रक्रिया का पालन है और मंत्री व विधायकों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस आदेश के तुरंत बाद तेज प्रताप यादव का आवंटित आवास 26 एम स्ट्रैंड रोड भी वापस ले लिया गया है और नए मंत्री को दिया गया है। इससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।

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