पटना

बिहार विधानसभा चुनाव: आरा से कौन लड़ेगा चुनाव, क्या कुशवाहा की माफी पवन सिंह के लिए होगी काफी ?

बिहार विधानसभा चुनाव भोजपुरी फिल्म के अभिनेता होने के कारण भोजपुरी क्षेत्र में उनके फैन बेस ज्यादा हैं। बिहार ही नहीं पूरे देश में आम जनता के बीच गहरी पकड़ बनाई है। अब पवन सिंह भी राजनीतिक मंच पर दिखेंगे। 

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Oct 01, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव: भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह की एनडीए में एंट्री के साथ बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव में पवन सिंह के बागी तेवर के कारण बिहार के तीन लोकसभा सीट पर एनडीए को तीन सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा था। भोजपुर की काराकाट, आरा और सासाराम लोकसभा सीट पर बीजेपी हार गई थी। इस हार के बाद एनडीए गठबंधन के साथी और बीजेपी नेताओं ने भी पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए थे।

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पवन सिंह के कारण तीन सीट पर मिली थी हार

केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह तो इस हार के बाद बागी ही हो गए थे। हालांकि बीजेपी आलाकमान ने दोनों से बात कर इस मामले को तब शांत करा दिया था। हार के बाद भी बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र में मंत्री बनाया था और आरके सिंह को आश्वासन देकर शांत कराया था। लेकिन, ये अपनी करारी हार को भूल नहीं पाए थे। इसको लेकर बीजेपी ने मंगलवार को पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की दिल्ली में एक मुलाकात करा कर मामले को कुछ हद तक शांत करवाने का प्रयास किया है। जबकि आरके सिंह अभी भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वे लगातार पार्टी पर सवाल भी खड़ा कर रहे हैं।

आरा से कौन लड़ेगा चुनाव?

पवन सिंह आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। बीजेपी का यह परंपरागत सीट है। पिछले 20 वर्षो से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है। वर्ष 2000 में बीजेपी के टिकट पर इस सीट पर सबसे पहले चुनाव जीती थी। भोजपुर में बीजेपी सबसे पहले इसी सीट पर विजयी हुई थी। इसके बाद से जीत का यह सिलसिला वर्ष 2020 तक जारी रहा है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 20 वर्ष बाद इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदलने का मन बनाया है।

बड़हरा विधानसभा सीट पर कौन?

हालांकि आरा के साथ साथ बीजेपी बड़हरा विधानसभा सीट पर भी अपना प्रत्याशी बदलने का मन बनाया है। बड़हरा विधानसभा सीट पर भी फिलहाल बीजेपी का ही कब्जा है। आरा और बड़हरा विधानसभा सीट राजपूतों का गढ़ है। इसे बीजेपी का परंपरागत सीट माना जाता है। आरा विधानसभा सीट पर अमरेंद्र सिंह और बड़हरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर राघवेंद्र सिंह वर्ष 2020 में चुनाव जीते थे।

कुशवाहा की माफी होगा काफी ?

पवन सिंह केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से माफी मांग चुके हैं। इसके बाद से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कुशवाहा की माफी पवन सिंह के लिए काफी होगा? उपेंद्र कुशवाहा पवन सिंह को मदद करेंगे। बीजेपी के कार्यकर्ता क्या पवन सिंह को समर्थन करेंगे? ये कुछ सवाल बीजेपी दफ्तर में मंगलवार को पूरे दिन चर्चा में रहा। हालांकि पवन सिंह किस विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ये अभी तय नहीं हुआ है।

आरा और बड़हरा विधानसभा सीट के समीकरण

चर्चा है कि बीजेपी पवन सिंह को आरा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बना सकती है। जबकि बड़हरा विधानसभा सीट पर बीजेपी आरके सिंह को चुनाव मैदान में उतार सकती है। सूत्रों का कहना है कि जबकि दोनों नेता आरा विधानसभा से ही चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने तो अपनी हार के लिए बड़हरा विधानसभा सीट के वर्तमान विधायक राघवेंद्र सिंह को ही जिम्मेवार बताया था। आरके सिंह ने तो अपनी हार के बाद की कई सभा में राघवेंद्र सिंह को इसके लिए जिम्मेवार भी बताया था।

राघवेंद्र के बागी होने का डर

बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि आरा विधानसभा सीट पर बीजेपी को कोई परेशानी नहीं है। अमरेंद्र सिंह को पार्टी ने राज्यपाल पद का ऑफर दे रखा है। इसलिए कहा जा रहा है कि वे बागी नहीं होंगे। लेकिन बड़हरा विधानसभा सीट पर मामला फंस सकता है। बीजेपी अगर यहां प्रत्याशी बदलती है तो राघवेंद्र सिंह के बागी होने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि राघवेंद्र सिंह अपने पुराने घर (आरजेडी) में वापसी कर सकते हैं।

राघवेंद्र सिंह होंगे बागी

सूत्रों का कहना है कि दोनों तरफ से इसको लेकर बातचीत भी चल रही है। लेकिन, राघवेंद्र सिंह इसको लेकर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं। वे पार्टी आला कमान के फैसला का इंतजार कर रहे हैं। यही कारण है कि आरके सिंह और पवन सिंह इस सीट के बदले आरा विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।

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